डेढ़ लाख के रिश्वत के साथ विजिलेंस की टीम ने पुलिस सिपाही को रंगे हाथ धरा

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गाड़ी की खरीद फरोख्त से जुड़े एक मामले स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने खेड़की दौला थाने में तैनात सिपाही को डेढ़ लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया है। यह रकम सिपाही ने आरोपियों का केस कमजोर करने के मामले में बतौर रिश्वत के टोकन के तौर पर ली थी। इस मामले में क्राइम यूनिट मानेसर के एक एएसआई समेत कई पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच की जा रही है।

झज्जर के रहने वाले कुलदीप व विनित के खिलाफ गुरुग्राम के खेड़की दौला थाने में गाड़ी से संबंधित फर्जीवाड़े को लेकर एफआईआर दर्ज है। इस मामले की जांच मानेसर क्राइम यूनिट द्वारा की जा रही थी। आरोप है कि कुलदीप व विनीत के उपर गिरफ्तारी की तलवार लटकी होने का भय दिखाकर इनसे संबंधित केस कमजोर करने तथा इन्हें केस से बाहर करवाने के एवज में 30 लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई थी। यह पैसा खेड़की दौला टोल प्लाजा पर तैनात गार्द में सिपाही शक्ति सिंह द्वारा मांगा गया। आरोप है कि दबाव बनाने के लिए पुलिस ने कुलदीप को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद शक्ति सिंह ने उसकी रिहाई तथा केस को कमजोर कर उसे बरी करवाने के लिए 15 लाख रुपये की मांग की तो दोनों पक्षों के बीच 12 लाख रुपये में सौदा तय हो गया था।

एएसआई भी संदेह के घेरे में

विजिलेंस ब्यूरो रोहतक रेंज के डीएसपी सुमित कुमार के अनुसार शिकायतकर्ता ललित की शिकायत पर आरोपित सिपाही शक्ति सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि मानेसर क्राइम यूनिट टीम में कार्यरत एएसआई रामचंद्र की भूमिका भी संदिग्ध है। उस से इस संबंध में पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा कई और पुलिसकर्मियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि रेड गुरुग्राम के हीरो होंडा चैक के पास की गई थी। शिकायतकर्ता के पास आरोपी सिपाही से संबंधित कई ऑडियो रिकाडिर्ंग हैं, जिनके आधार पर छापेमारी की कार्रवाई की गई।