गुरुवार को क्यों है केले के वृक्ष की पूजा का इतना महत्व? जानें पूजा की सही विधि

खबर शेयर करें

पिछला लेख

कोलकाता : हिंदू संस्कृति कितनी विशाल और उदार है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस संस्कृति में प्रकृति से जुड़ी हर चीज का महत्व बताया गया है। फिर चाहे वो पक्षी-जानवर हो या फिर पेड़-पौधे, हर दिन किसी खास देवता और उनसे जुड़ी चीजों की उपासना के लिए समर्पित है। बात करें गुरुवार की तो इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ केले के पेड़ की पूजा की जाती है। लेकिन आखिर इस दिन केले के पेड़ की पूजा का इतना महत्व क्यों होता है? आइए बताते हैं….
केले में विराजते हैं भगवान विष्णु
हर हफ्ते गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना की जाती है और इनकी पूजा के बाद केले के पेड़ की पूजा का भी विधान है। ऐसा इसलिए क्योंकि माना जाता है कि केले के पेड़ में बृहस्पति देव का निवास होता है। अगर इस दिन केले के पेड़ का पूजन किया जाए तो शेषनाग पर विराजमान बृहस्पति देव प्रसन्न होते हैं और हर मनोकामना को पूरा करते हैं। अगर आप नहीं जानते हैं कि केले के पेड़ की पूजा का सही तरीका क्या है तो आइए आपको बताते हैं।
केले के पेड़ की पूजा विधि
* इस दिन सुबह सवेरे उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा की तैयारी शुरू करनी चाहिए। कहा जाता है कि अगर आप मौन रहकर ये सब करें तो ज्यादा फलदायी होता है।
*सबसे पहले घर के मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा करें और फिर केले के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। *अगर केले का वृक्ष घर में ही लगा रखा है तो उसमें जल नहीं चढ़ाना चाहिए। अगर कहीं खुले में वृक्ष लगा है तो वहां वृक्ष की जड़ में पानी चढ़ाया जा सकता है।
* हल्दी की एक गांठ, चने की दाल और गुड़ चढ़ाए।
* चावल और फूल चढ़ाने के बाद केले के वृक्ष की पूजा करें।

More News Updates