Navratri से ठीक पहले पूर्णागिरि धाम पहुंचे CM धामी, कहां से लड़ेंगे उपचुनाव? मंच से बताया अपना मन जानिए धामी ने क्या कुछ खास कहा.

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दूसरी बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री (Uttarakhand CM) बनने के बाद पुष्कर सिंह धामी सबसे पहले दौरे के लिए चंपावत विधानसभा (Champawat Constituency) के बनबसा इलाके में पहुंचे, जहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वह अब भाजपा के लिए योद्धा बन गए हैं और यह बात वह हाईकमान को बताएंगे कि कैसे कार्यकर्ताओं ने उन्हें इस भूमिका में खड़ा कर दिया है. चंपावत सीट विधानसभा चुनाव जीतने वाले कैलाश गहतोड़ी वह ​पहले विधायक (BJP MLA) थे, जिन्होंने सीएम धामी के उपचुनाव के लिए अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की थी, इस बात पर धामी ने उनका आभार जताकर कहा कि चंपावत के लिए जो सबसे बेहतर किया जा सकता है, वह करेंगे.
सीएम पुष्कर धामी चंपावत विधानसभा के बनबसा पहुंचे तो उनका ज़ोरदार स्वागत भाजपाइयों ने किया. बनबसा स्टेडियम में हुई जनसभा में एक बार फिर विधायक कैलाश गहतोड़ी ने धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने का ऐलान दोहराया. वहीं धामी ने इस पर फैसला पार्टी हाईकमान (BJP High Command) पर छोड़ दिया. उन्होंने कहा, ‘मैं किस सीट से चुनाव लड़ूंगा, यह फैसला तो हाईकमान को ही करना है. हालांकि यह फैसला कुछ भी हो, मैं चंपावत के लिए हर वह कदम उठाऊंगा, जो इस ज़िले के लिए सबसे अच्छा हो सकता है.’ यही नहीं, चंपावत से धामी ने अपना पुराना रिश्ता बताया
इस बार धूमधाम से होगा पूर्णागिरि मेला
मंच से दिए भाषण में धामी ने बनबसा टनकपुर से पुराना रिश्ता बताया. उन्होंने कहा कि उनके राजनीतिक जीवन में इस क्षेत्र की बड़ी भूमिका रही. मंच के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान धामी ने कहा, पिछले 2 सालों से कोरोना की वजह से मां पूर्णागिरि का मेला पहले की तरह धूमधाम से आयोजित नहीं किया जा सका, लेकिन इस बार कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी और भव्यता के साथ यह आयोजन ​होगा.
गौरतलब है कि शनिवार यानी 2 अप्रैल से नवरात्रि का पर्व शुरू होने से ठीक पहले शुक्रवार शाम धामी चंपावत दौर पर पहुंचे और यहां उन्होंने 51 शक्तिपीठों में से एक प्रसिद्ध पूर्णागिरि धाम के दर्शन भी किए. इसके बाद एक राजनीतिक सभा को संबोधित किया और उसके बाद मीडिया से रूबरू हुए. इस संक्षिप्त दौरे के बाद धामी से चंपावत की उम्मीदें बहुत बढ़ गईं.