नौकरी से निकाला तो भतीजे ने मौसा को उतारा मौत के घाट, कैसे दिया वारदात को अंजाम; हो गया खुलासा

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बरेली पुलिस (Bareilly Police) ने लकड़ी कारोबारी संजीव गर्ग (Sanjeev Garg) की हत्या का खुलासा कर 4 हत्यारोपियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए बदमाशों से 8 किलो सोना और 13 लाख रुपये बरामद हुए हैं. चार हत्यारोपी के गिरफ्तार होने के बावजूद 4 आरोपी अभी भी फरार हैं. बीते माह 20 जनवरी को हुई इस सनसनीखेज घटना के खुलासे के लिए 50 से अधिक पुलिसकर्मियों ने बरेली से लेकर हरियाणा और पंजाब तक दबिश देकर अपराधियों की शिनाख्त की.

घटना का खुलासा करते हुए एसएसपी रोहित सिंह सजवान ने बताया कि उद्योगपति संजीव गर्ग की हत्या उनके साढू के बेटे सोनू और मोनू ने 5 लाख रुपये सुपारी देकर करवाई थी. पुलिस ने सुपारी किलर विकास भल्ला, राजस्थान निवासी शुभम कुमावत, उद्योगपति संजीव गर्ग के साढू के बेटे गौरव मित्तल उर्फ सोनू और सौरभ मित्तल उर्फ मोनू को ट्यूलिया अंडरपास के नजदीक से गिरफ्तार कर लिया है.

पुलिस ने पूंछताछ के आधार पर बताया कि सोनू और मोनू कई वर्ष अपने मौसा संजीव गर्ग के यहां फैक्ट्री में नौकरी करते थे, लेकिन उनकी गलत हरकतों के चलते संजीव गर्ग ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया. इस बेइज्जती का बदला लेने के लिए सोनू और मोनू दोनों भाइयों ने अपने मौसा संजीव गर्ग की हत्या का प्लान बनाया.

इस जघन्य हत्याकांड में कुल 8 अपराधी शामिल थे. इनमें से पुलिस ने 4 को पकड़ लिया है, जबकि चार फरार हैं. पकड़े गए इन सभी बदमाशों पर अलग अलग राज्यों में हत्या, लूट और डकैती के दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं. एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि सोनू और मोनू लगातार पुलिस को गुमराह कर रहे थे और घटना वाले दिन से ही वो परिवार वालों के साथ घटना स्थल पर भी थे, ताकि उनपर कोई शक न करे.

इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने जब सुपारी किलर विकास और शुभम को गिरफ्तार किया तो उन्होंने पूछताछ में बताया कि उन्हें सोनू और मोनू ने 5 लाख रुपये की सुपारी दी थी. पिछले एक साल से हम सभी संजीव गर्ग की हत्या की साजिश कर रहे थे और सितंबर से उनकी रेकी शुरू कर दी थी. जिसके बाद 20 सितंबर को मौका पाकर लोहे की रॉड सिर पर मारकर संजीव गर्ग की हत्या कर दी थी