उत्तराखंड : BJP ने पुष्कर सिंह धामी पर क्‍यों खेला दांव? जानें इसके सियासी मायने

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Pushkar Singh Dhami: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पुष्कर सिंह धामी को फिर से मुख्यमंत्री बनाकर उत्तराखंड में स्थिरता का विकल्प चुना है. यही नहीं, भाजपा पहली बार किसी नेता के चुनाव हारने के बाद भी उसके साथ आगे बढ़ी है. इससे पहले भाजपा ने हिमाचल प्रदेश और गोवा में सीएम कैंडिडेट की हार के बाद जीते हुए विधायक पर दांव लगाया था. भाजपा के धामी पर दांव के पीछे 2024 लोकसभा चुनाव को देख जा रहा है
देहरादून. पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) को फिर से मुख्यमंत्री बनाने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उत्तराखंड में स्थिरता का विकल्प चुना है, जिसने लगातार बदलाव देखा है. अपनी सीट हारने के बावजूद धामी के फिर से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनने के साथ भाजपा के वर्तमान केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य में स्थिरता को चुना है. यह पहली बार है जब किसी नेता के अपनी विधानसभा सीट से हारने के बाद भी भाजपा राज्य में सरकार का नेतृत्व करने के लिए उन्हीं के साथ आगे बढ़ी है.

पुष्‍कर सिंह धामी जिन्हें पिछले साल जुलाई में मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था और चार महीनों में उत्तराखंड के वह तीसरे मुख्यमंत्री थे.उनके नेतृत्व में पार्टी ने लगातार दूसरी बार जीतने का रिकॉर्ड बनाया, जिसमें भाजपा ने 70 में से 47 सीटें जीती हैं. भाजपा के सूत्रों के अनुसार, उनमें राज्य इकाई में अंदरूनी कलह को रोकने की क्षमता थी. हालांकि 46 वर्षीय धामी को खटीमा सीट से हार का सामना करना पड़ा था.

धामी को कमान का मतलब 2024 की उम्‍मीद
कई विधायकों और निर्दलीयों ने धामी को अपनी सीट की पेशकश की है. संवैधानिक मानदंडों के अनुसार, धामी को पदभार ग्रहण करने के छह महीने के भीतर राज्य विधानसभा के लिए निर्वाचित होना होगा. पार्टी सूत्रों ने कहा कि धामी की पुनर्नियुक्ति एक संदेश है कि पार्टी 2024 के आम चुनावों के लिए एक स्थिर सरकार की तलाश कर रही है.
पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा,‘पार्टी ने राज्य का नेतृत्व करने और उत्तराखंड के वास्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए युवा पीढ़ी में विश्वास दिखाया है.’