हनुमान मंदिर को तोड़ते हुए दो बार बुलडोजर टूटा 134 साल पुराना है मंदिर

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शाहजहांपुर जिले के तिलहर क्षेत्र के पास एक खंड पर दिल्ली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण परियोजना के रास्ते में आने वाले 134 साल पुराने हनुमान मंदिर को स्थानांतरित किया जाएगा। इसके अलावा मंदिर के पास स्थित बड़े पीपल के पेड़ को भी स्थानांतरित किया जाएगा। मंदिर और पीपल के पेड़ को स्थानीय किसानों के जमीन पर शिफ्ट किया जाएगा। शिफ्टिंग कार्य को लेकर प्रशासन की तरफ से लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

मंदिर तोड़ते समय दो बार टूटा बुलडोजर

इस संबंध में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि इससे पहले मंदिर को तोड़ने पर विचार किया गया था। इसी क्रम में मंदिर के ध्वस्तीकरण को लेकर बुलडोजर भी भेज दिया गया था। लेकिन मंदिर तोड़ते समय बुलडोजर ही टूट गया। हालांकि, मंदिर को दोबारा भी तोड़ने की कोशिश की गई, लेकिन दोबारा भी बुलडोजर टूट गया। यही वजह है कि अब मंदिर और पीपल के पेड़ को स्थानांतरित किया जाएगा।

पांच साल से ठप था काम
अधिकारी ने बताया कि अब पूरे मंदिर की संरचना को स्थानांतरित कर दिया जाएगा। वहीं, अधिकारी ने यह भी बताया कि जब मंदिर को तीसरी बार तोड़ा जा रहा था, तब स्थानीय लोगों और मंदिर के पुजारियों ने विरोध करना शुरू कर दिया था। इसके चलते पांच साल से अधिक समय तक एक किलोमीटर लंबे मार्ग पर काम भी ठप था।

मंदिर स्थानांतरित करने की बात पर खत्म हुआ विरोध
अधिकारी के मुताबिक कई बैठकों के बाद संबंधित अधिकारियों ने पुजारियों और अन्य स्थानीय लोगों को मनाने में कामयाबी हासिल की है। इसके बाद एक सर्वेक्षण दल ने निकटतम उपयुक्त भूखंड की पहचान की, जहां पर मंदिर व पीपल के पेड़ को शिफ्ट किया जाएगा। अधिकारी के मुताबिक जिस जमीन पर मंदिर और पीपल के पेड़ को शिफ्ट किया जाएग, वह स्थानीय किसान बाबू अली का है।

जिला प्रशासन की मदद से होगा शिफ्टिंग का कार्य
अधिकारी ने बताया कि शिफ्टिंग ऑपरेशन जिला प्रशासन के समन्वय से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा किराए पर ली गई एक फर्म द्वारा संचालित किया जाएगा। एक बार मंदिर और पीपल के पेड़ को शिफ्ट कर लिया जाएगा, उसके बाद दोबारा से काम शुरू कर दिया जाएगा। ताकि प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।