सच्ची कहानी पर बनी है यश की KGF, जाने सोने के खदान की पूरी कहानी

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फिल्म केजीएफ ने चारो तरफ बवाल मचाया हुआ है. फिल्म लोगों को खूब पसंद आ रही है. फिल्म को देखने के लिए थियेटर्स में भीड़ लगी पड़ी है. फिल्म की कहानी की बात करें तो फिल्म की कहानी सोने की खदान के उपर है. फिल्म में जिस सोने की खदान को दिखाया गया है दरसल वो असली है. तो क्या है असली कहानी आइये बताते हैं.

सबसे पहले तो फिल्म का नाम से ही समझे फिल्म का नाम है केजीएफ जिसका मतलब है कोलार गोल्ड्स फील्ड्स. इस केजीएफ के बारे में बताया जाता है कि इस जगह पर करीब 121 सालों तक खुदाई हुई है और अब तक यहां से 900 टन सोना निकला जा चुका है. यह खदान सोना उत्पादन के लिए बहुत मशहूर है. साल 1905 में भारत सोना प्रोड्यूसिंग के मामले में 9वें नंबर पर था.

ब्रिटिश सरकार के लेफ्टिनेंट जॉन वॉरेन को इस खदान के बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने खुलेआम इस बात का ऐलान कर दिया था कि जो भी यहां से सोना लेकर आएगा उसे इनाम दिया जाएगा. इस बात को सुनते ही गांव वाले पहुच गए सोने की तलाश में और उन्होंने वहां की मट्टी खोदकर जॉन के सामने लाकर रख दी. मिट्टी की जांच पड़ताल हुई तो मालुम पड़ा ये वाकई सोना है. जॉन ने इस खदान से करीब 56 किलो सोना निकलवाया था.

भारत की आज़ादी के बाद केजीएफ पर भारक सरकार का कब्ज़ा हो गया था. इसके बाद यहां से भारत गोल्ड माइन्स लिमिटेड ने यहां से सोना निकालने का काम किया इस खदान से शुरू में तो सराकार को खूब फायदा मिला लेकिन धीरे धीरे यह फायदा घाटे में बदलने लगा और इस खदान की खुदाई को रुकवा दिया गया. इसके बाद यह खदान पूरी तरह से खंडर बन गई. खदान को लेकर आज भी कई लोगों का कहना कि यहां अभी भी बहुत सोना मौजूद है.