पढ़े कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की कहानी

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वृंदावन के निवासियों के बीच बारिश के देवता इंद्र की पूजा करने की एक रस्म थी।

कृष्ण ने सुझाव दिया कि ग्रामीणों को गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए। वे मान गए और पर्वत की पूजा करने लगे। इससे इंद्र बहुत क्रोधित हुए और उन्होंने अपने बारिश के बादलों को गांव पर छोड़ दिया। फिर पुरे गॉव में बाढ़ आ गया।

फिर भगवान ने अपनी छोटी उंगली से गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। उन्होंने ग्रामीणों को पर्वत के नीचे शरण लेने के लिए कहा और सात रातों तक उसी स्थिति में खड़े रहे।

इंद्र को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने कृष्ण से माफी मांगी।

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