सियासी गलियारों में हो रही चर्चा, कौन होगा उत्तराखंड विधानसभा का अध्यक्ष, 

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भाजपा में मुख्यमंत्री पद के लिए चल रही कश्मकश के बीच विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। सियासी हलकों में सवाल तैर रहा है कि नई सरकार में स्पीकर की कुर्सी पर कौन बैठेगा। इसके लिए कई नामों की चर्चाएं चल रही हैं।

विधानसभा चुनाव में भाजपा को नई सरकार के गठन के लिए दो तिहाई बहुमत मिला है। लेकिन खटीमा से कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चुनाव हारने के बाद सीएम पद को लेकर भाजपा में खासी कसरत चल रही है। लेकिन सोच विचार स्पीकर की कुर्सी के लिए भी शुरू हो गया है।

कुर्सी पर ऐसे चेहरे को बैठाया जा सकता
माना जा रहा है स्पीकर की कुर्सी पर ऐसे चेहरे को बैठाया जा सकता है जो अनुभवी होने के साथ संसदीय मामलों की जानकारी रखता हो। अध्यक्ष पद के लिए विधानसभा अध्यक्ष और चौथी बार विधायक चुने गए प्रेमचंद अग्रवाल, वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत, बिशन सिंह चुफाल और मुन्ना सिंह चौहान के नामों की चर्चाएं हैं। मंत्री न बनने की स्थिति में इन नामों पर पार्टी विचार कर सकती है। भाजपा नए फैसले लेने में चौंकाने में माहिर है। सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के लिए भाजपा हाईकमान नए मुख्यमंत्री को लेकर चौंकाने वाले निर्णय ले चुका है। त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद तीरथ सिंह रावत को सीएम की कुर्सी सौंपी। इसके बाद तीरथ की जगह युवा धामी को सत्ता की बागडोर दी। पार्टी में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि विधान सभा अध्यक्ष की कुर्सी पर प्रेमचंद अग्रवाल की वापसी हो सकती है या पार्टी युवा चेहरे और वरिष्ठ विधायक को नई सरकार में स्पीकर की जिम्मेदारी सौंप सकती है।

इसलिए है स्पीकर का पद अहम
किसी भी सरकार के लिए स्पीकर का पद बेहद अहम होता है। सियासी संकट की घड़ी में ही स्पीकर की बड़ी भूमिका हो जाती है। यही वजह है कि सत्तारूढ़ दल निष्ठावान और अनुभव वाले विधायक को विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी देने की सिफारिश करता है।