सीरियल किलर की पत्नी ने बताया पति का काला सच

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ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में एक ऐसी सच्ची घटना सामने आई फिल्मों की लगती है जिसमें, एक्शन, ड्रामा, लव, सेक्स, धोखा, सस्पेंस,सब है। पुलिस के पास आया एक मारपीट और धोखाधड़ी का केस सीरियल किलर तक पहुंच गया। आरोपी ने 10 साल पहले अपने दोस्त के साथ-साथ चार और लोगों की हत्या कर दी। फिर 10 साल तक पुलिस को छकाता रहा। आरोपी कई लोगों से ठगी भी कर चुका है। आरोपी की दूसरी पत्नी के साहस ने उसका काला सच सामने ला दिया।
अनामिका मेहरा 14 मार्च 2022 ग्वालियर के झांसी रोड थाने पहुंची। अनामिका ने पति राजेंद्र मेहरा (36) द्वारा मारपीट, धमकी और गाली-गलौज करने की शिकायत की। अनामिका के पिता ग्वालियर के बड़े ट्रांसपोर्टर हैं। अनामिका के मुताबिक शादी के कुछ दिन बाद ही राजेंद्र उसे परेशान करने लगा था। मारपीट करना, घर खर्च के लिए पैसे नहीं देना रोज की बात हो गई थी।

अनामिका ने पुलिस को बताया कि 6 महीने पहले मेरे हाथ कुछ कागजात लगे। इससे मुझे पता चला कि मेरे पति का असली नाम राजेश कमरिया है। वह धोखाधड़ी और हत्या जैसे अपराधों में शामिल है। इसके बाद मैं राजेश से अलग होकर पिता के पास चेतकपुरी में रहने लगी। राजेश मुझे फोन पर जान से मारने की धमकियां देने लगा। 12 मार्च को मैं पिता से थोड़ी देर में आने का कहकर निकली थी। रास्ते में राजेश साथियों के साथ मिलकर मुझे जबरन गाड़ी में बैठाकर ले गया। मुझे जमकर पीटा। वह मुझे जान से मारने की फिराक में थे। जैसे-तैसे चंगुल से छूटकर आई। झांसी रोड थाने में पुलिस को मैंने दस्तावेज दिए।

2014 में हुई 36 लाख की धोखाधड़ी मामले में फरार
पुलिस ने रिकॉर्ड खंगाला, तो इसी थाने में राजेश मारपीट के मामले में फरार निकला। राजेश को पकड़ने के लिए बिलौआ पुलिस से संपर्क किया गया। यहां पता चला कि 2014 में हुई 36 लाख की धोखाधड़ी के मामले में वह फरार था। इसके बाद 16 मार्च को बिलौआ थाना क्षेत्र स्थित घर से उसे उठा लिया। पूछताछ के बाद जो कहानी सामने आई, उससे पुलिस भी चौक गई।

राजेंद्र मेहरा का असली नाम राजेश कमरिया ही है। वह 12वीं तक पढ़ा है। राजेश ने पुलिस को बताया कि ग्वालियर के बालाबाई के बाजार में मनोज गहलोत परिवार के साथ रहता था। राजेश भी इसी इलाके में रहता था। दोनों दोस्त थे। उसने 10 साल बड़ी मनोज की पत्नी गीता को प्रेम जाल में फंसा लिया। उसे संबंध बनाए। 31 दिसंबर 2011 को गीता के साथ मिलकर उसने मनोज को बीयर में नशे की गोलियां पिला दीं। इसके बाद गला दबाकर मार डाला। शव को झांसी के पास बेतवा नदी में फेंक दिया। इधर, परिवार वालों ने थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी।

मनोज की हत्या के बाद राजेश और गीता से शादी कर ली। वे उत्तर प्रदेश के मऊरानीपुर चले गए। यहां गीता का मकान था। करीब दो साल बाद यानी 2013 में मकान हड़प लिया। इसके बाद गीता, उसके बेटे निक्की और भतीजे सूरज को भी चाकू से गोद कर मार डाला। इसमें राजेश के भाई और उसके जीजा के भाई ने भी मदद की थी। वारदात के बाद खुद फरार हो गया।

2014 में राजेश ने अनामिका को शिकार बनाया। अनामिका ने पुलिस को बताया कि राजेश से उसकी दोस्ती 2014 में ट्रेन में हुई थी। राजेश ने उसकी दिल्ली में नौकरी भी लगवा दी। दोनों के बीच प्यार हो गया। शादी के वक्त उसने खुद को कुंवारा बताया था। राजेश ग्वालियर में कुलदीप मेहरा नाम के व्यक्ति के मकान में किराए से रहता था। उसने खुद का नाम राजेंद्र मेहरा बताया था। उसने मुझे कुलदीप मेहरा को अपना पिता बताकर मिलवाया था। बाद में पता चला कि राजेश ने कुलदीप मेहरा की करीब 5 करोड़ रुपए की जमीन भी ठग ली है। शादी के बाद वे ग्वालियर में एमके सिटी में रहने लगे। उनका एक बेटा भी है।

नाम और भेष बदलकर रहता रहा

पिछले 10 साल से राजेश अपना नाम और भेष बदलकर रहता रहा। कभी पगड़ी लगा लेता, तो कभी क्लीन शेव रहता। कभी दाढ़ी भी बढ़ा लेता था। कभी राजेंद्र यादव बन गया, तो कभी राजेंद्र मेहरा। वह ग्वालियर में ही एमके सिटी, गुलमोहर सिटी, गांधीनगर और लक्ष्मीबाई कॉलोनी में रहता रहा। पुलिस ने जब उसे पकड़ा, तो पहले तो वह बरगलाता रहा, लेकिन दस्तावेज सामने रखे, तो उसने पूरी कहानी उगल दी। राजेश लग्जरी लाइफ जीता है। वह कभी एक जगह नहीं रहता। हमेशा पॉश इलाके में मकान लेता है। बेशकीमती कारों का भी शौकीन है। वह नई-नई लड़कियों को शिकार बनाता है। पहले उनसे दोस्ती करता है। इसके बाद प्रॉपर्टी पर कब्जा कर ठिकाने लगा देता है। बात करने में हाजिर जवाबी है।

2012 में ग्वालियर में पीडब्ल्यूडी के रिटायर्ड इंजीनियर के मकान में रहा। उनकी पत्नी काे फंसाकर 60 लाख रुपए ठगे। बिलौआ क्षेत्र में जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करा दी। थाना बिलौआ में केस दर्ज है। 2013 में पत्नी, बेटे और भतीजे की हत्या मामले में राजेश का भाई कालू उर्फ मनीष व उसकी बहन का देवर भी था। दोनों गिरफ्तार हो चुके हैं।