भौंक-भौंककर निकली बच्चे की जान ग्रामीणों ने कुत्ते को दी सजा-ए-मौत,

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आगरा: 8 साल के नैतिक की मौत जिस कुत्ते के काटने से हुई थी उसको भी गांव वालों ने सजा-ए-मौत दी। बच्चे की रैबीज से हुई मौत के चलते ग्रामीणों में दहशत व्याप्त थी। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चे की मौत के अगले दिन ही उस कुत्ते ने दो और बच्चों को भी काटा था। इसी के बाद गुस्साए लोगों ने उसे घेर लिया और खेत में ले जाकर गोली मार दी। 

मरने से पहले कुत्ते की तरह हरकत कर रहा था नैतिक 
कुत्ते की मौत के बाद उसे वहीं दफन कर दिया गया। नैतिक को तकरीबन डेढ़ माह पहले कुत्ते ने काटा था। उसे रैबीज हो गया। इसके चलते नैतिक ने कुत्ते की तरह ही हरकत करनी शुरू कर दी। परिजन कुछ भी समझ पाते इससे पहले ही कुत्ते की तरह आवाज निकालते हुए उस मासूम बच्चे ने दम तोड़ दिया। रुदमुली गांव के अरविंद भदौरिया के 8 साल के बेटे नैतिक की मौत के बाद परिवार सदमे में है। माता-पिता का भी रो-रोकर बुरा हाल है। बच्चे की मौत के बाद दो दिनों तक उन्होंने कुछ भी नहीं खाया पिया। वह लगातार बच्चे की तस्वीर को देखकर रो रहे हैं। पिता का कहना है कि अगर बच्चे ने एक बार भी बताया होता कि उसे कुत्ते ने काटा है तो शायद हम लोग कुछ कर पाते। 

ग्रामीणों ने कुत्ते को गोली मारकर खेत में किया दफन
इस बीच रुदमुली गांव में लोगों की भीड़ लगी हुई है। ग्रामीणों को जब पता चला कि उसी कुत्ते ने दो और बच्चों को काटा है तो उनका पारा चढ़ गया। सभी ने मिलकर कुत्ते को गांव से बाहर खदेड़ने का निर्णय लिया। कुत्ते की तलाश शुरू हुई तो लोगों ने देखा कि वाल्मीकि समाज के लोग उसके पीछे डंडा लेकर दौड़ रहे थे। सभी एकजुट हुए और कुत्ते की खोजबीन कर उसे गांव के बाहर खेत में ले जाया गया। गांववालों ने कुत्ते को घेर लिया और उस पर जमकर पत्थर और डंडे बरसाए। कुत्ता करब में जा घुसा और काफी देर तक वहीं दुबका रहा। इसके बाद ग्रामीणों ने आपसी सहमति से उसे मारने का निर्णय लिया। खेत में ही कुत्ते को गोली मारकर उसे दफना दिया गया।