सऊदी में भारतीय शख्स को घर के दरवाजे पर स्वास्तिक चिह्न लगाना पड़ा महंगा, जानिए क्या हुआ उसके साथ

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हिंदुओं में स्वास्तिक चिह्न को बेहद शुभ माना जाता है. इस चिह्न को आमतौर पर पूजा के किताबों, गाड़ियों और घरों पर बनाया जाता है. हाल ही में सऊदी अरब के एक हिंदू तेलुगु परिवार ने अपने घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर स्वास्तिक चिह्न लगाया था, जिसकी वजह से उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

भारत के गुंटूर का मूल निवासी, एक व्यक्ति सऊदी अरब में एक इंजीनियर के रूप में काम करता है. उसने अपने फ्लैट के मुख्य प्रवेश द्वार पर हिंदू धर्म में धार्मिक चिह्न माने जाने वाले स्वस्तिक को दरवाजे पर लगाया था.

अरबी व्यक्ति को हुई गलतफहमी
हिंदू व्यक्ति के अपार्टमेंट में रहने वाले एक अरब व्यक्ति ने जब स्वस्तिक चिह्न को देखा तो उसे गलतफहमी हुई, जिसकी वजह से उन्होंने सबसे पहले चिह्न को हटाने का अनुरोध किया. इस बात को सुनकर हिंदू परिवार ने चिह्न को हटाने से माना कर दिया और समझाने की कोशिश की कि ये हिंदू धर्म में शुभ माना जाता है.

इसका किसी तरह के विचारधारा से लेना-देना नहीं है. हालांकि, इसके बावजूद अरबी व्यक्ति उनकी बातों से सहमत नहीं हुआ और इस मामले को पुलिस के पास ले गया. पुलिस ने भारतीय को गिरफ्तार कर लिया.

नाजी चिह्न का संबंध जर्मन से
अब गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पत्नी ने भारतीय दूतावास और तेलुगु सामाजिक कार्यकर्ता मुज़म्मिल शेख से पति को रिहा करवाने के लिए संपर्क किया है. इसके लिए एक प्रमुख भारतीय समुदाय के स्वयंसेवक नास वोक्कम भी उनकी रिहाई के लिए काम कर रहे हैं.

कई लोगों को ऐसा लगता है कि स्वस्तिक एक नाजी चिह्न है, जबकि स्वस्तिक वास्तव में 45 डिग्री झुका हुआ होता है और ये बिलकुल नाजी चिह्न से अलग होता है. जर्मन तानाशाह हिटलर नाजी चिह्न का इस्तेमाल वर्ल्ड वॉर के समय करता था. आभार सोशल मीडिया

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