अभी भी नकली किसानों की अक्ल ठिकाने नहीं आई – राकेश टिकैत ने कहा कि कभी भी हो सकता है आंदोलन तो लोग करने लगे ऐसे कमेंट

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किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जो लोग समझते हैं कि आंदोलन की भीड़ को वोटर में बदल लेंगे, उन्हें समझना चाहिए ऐसा होता नहीं है।

Rakesh Tikait Photo| Tikait Photo| Tikait Photo PTI|
BKU नेता राकेश टिकैत (फाइल फोटो – PTI)

किसान आंदोलन और भाजपा के खिलाफ हल्ला बोलकर सुर्खियों में रहे किसान नेता राकेश टिकैत एक बार फिर चर्चाओं में हैं। राकेश टिकैत ने एक बार फिर से आंदोलन शुरू करने की बात कही है। राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान आंदोलन का रास्ता जानते हैं। आंदोलन कहीं भी और कभी भी हो सकता है।

“आंदोलन की भीड़ वोटों में नहीं बदलती”: द वायर को दिए इंटरव्यू में राकेश टिकैत से सवाल पूछा गया कि क्या जो किसान नेता पंजाब की राजनीति में चले गये हैं, उससे आंदोलन कमजोर हुआ है? इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि “कोई भी आंदोलन जब चलता है तो जो भीड़ होती है, उस भीड़ को लोग समझते हैं कि इसे राजनीति या वोट में बदल सकते हैं। लेकिन ऐसा होता नहीं है। उनका भी अपना होता है कि वह किस पार्टी में जाएंगे। किसे वोट देंगे। हमारे आंदोलन में आप, कांग्रेस, भाजपा, अकाली दल भी दल के लोग थे।”

“आप तो अन्ना आंदोलन से ही निकली थी”: राकेश टिकैत ने कहा कि “आंदोलन के बीच जो भी राजनीति निकली है वो फेल हुई है।” इस पर अन्ना आदोलन से आम आदमी पार्टी के निकलने पर राकेश टिकैत से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि “उसकी बड़ी लंबी कहानी है। जिसने पीएचडी की होगी, वही बता पायेगा। उस फार्मूले पर किसान आंदोलन नहीं जा सकता। अन्ना आंदोलन का मकसद राजनीतिक में जाना था। उसी विचार के साथ उन्होंने आंदोलन शुरू किया था।”

“लोगों को वोट देने और चुनाव लड़ने का भी अधिकार है”: किसान नेता ने कहा कि “हम सभी मना किया था कि हम राजनीति में नहीं जाएंगे लेकिन जैसे सबको वोट देने का अधिकार है उसी तरह से चुनाव लड़ने का भी अधिकार है। कुछ लोग गए थे तो कुछ वापस भी आए हैं।” इसी के साथ ही राकेश टिकैत ने इंटरव्यू का वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया कि “किसान आंदोलन तेजी से देश में फैल रहा है। किसान-आंदोलन का रास्ता जानते है, आंदोलन अब कही भी और कभी भी हो सकता है।”

लोगों की प्रतिक्रियाएं: सोशल मीडिया पर लोग राकेश टिकैत के इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। दोबारा से आंदोलन शुरू करने की बात पर राकेश टिकैत को जवाब देते हुए दीपक मिश्रा नाम के यूजर ने  लिखा कि “किसान इतना फ्री नही है तुम्हारी तरह।” रामबाबू नाम के यूजर ने लिखा कि “राकेश जी अपने निजी हितों के लिए जनता को परेशान करना बंद कर दो, जिस दिन जनता आंदोलन पर आ गयी तो फिर रोना शुरू कर दोगे आप, जैसे दिल्ली बार्डर पर रोये थे।”

अजीत देशवाल नाम के यूजर ने लिखा कि “अभी तक आप ये सोच रहे हैं कि किसान आप के साथ है? वो ना पहले थे ना आज हैं। अब तो फंडिंग थ्योरी पर यकीन होने लगा है।” अभी राय नाम के यूजर ने लिखा कि “पिछली बार तो जनता ने सह लिया था, इस बार आम जनता को भूल से भी परेशानी मे न डालना वरना जनता इस बार माफ नहीं करेगी।”

रोहित कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि “हां, इसी के लिए तो लोग फ्री बैठे हैं और आप भी लेकिन बेचारा किसान खेतों में काम कर रहा है। आप आंदोलनजीवी हो और आपका काम भी यही है।” श्रीकांत शुक्ला नाम के यूजर ने लिखा कि “लगता है अभी भी नकली किसानों की अक्ल ठिकाने नही आई हैं।” अरविंद नाम के यूजर ने लिखा कि” रस्सी जल गई पर बल नहीं गया, अब राजस्थान और गुजरात में पहुंचो, पिच तैयार करने के लिए, मेहनताना मिल जाएगा।”