मुन्ना भाई एमबीबीएस 1 दिन में इतने रुपए कमाता था पढ़ें पूरी खबर

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जबलपुर: अगर आप डॉक्टर बनना चाहते हैं तो सालों मेहनत करने की जरूरत नहीं है, बस गले में एक स्टेथेस्कोप डालें और किसी भी सरकारी अस्पताल में जाकर मरीजों का इलाज करने लगें. सुनने में यह अजीब जरूर लगेगा लेकिन ऐसा ही एक मामला जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सामने आया है. फिलहाल फर्जी डॉक्टर जेल की हवा खा रहा है.
कैसे पकड़ा गया फर्जी डॉक्टर
मेडिकल कॉलेज के सेक्युरिटी प्रभारी विकास नायडू के मुताबिक एक 12वीं पास युवक गले में स्टैथेस्कोप डालकर पिछले कई दिनों से मेडिकल कालेज अस्पताल में मरीजों का इलाज कर रहा था. युवक की संदिग्ध हरकतों को देखकर सुरक्षा गार्डों की उस पर नजर पड़ी.

लगातार निगरानी के बाद जब शक यकीन में बदल गया तो सुरक्षा गार्डों ने युवक को मरीजों का इलाज करते धर दबोचा. युवक ने पहले तो धौंस दिखाई लेकिन जब उससे डिग्री मांगी गई तो युवक घबरा गया और भागने की कोशिश करने लगा. सुरक्षा गार्ड ने युवक को पकड़कर गढ़ा थाना पुलिस के हवाले कर दिया.

पूछताछ में युवक ने अपना नाम सनी चक्रवर्ती बताया है. वह विजय नगर का रहने वाला है. वह 12वीं पास है और डॉक्टर बनने का सपना संजोए था, लेकिन डॉक्टर नहीं बन पाया. इसके बाद उसने मेडिकल अस्पताल में नकली डॉक्टर बन ओपीडी में मरीज देखना शुरू कर दिया. युवक के पास से करीब 9 हजार रुपये नगद बरामद हुए हैं. उस पर आरोप है कि वह इलाज के नाम पर मरीजों से पैसे ऐंठता था.
इस तरह मरीजों से ऐंठता था रुपये
गढ़ा थाने के एएसआई विजेंद्र तिवारी ने बताया कि मेडिकल अस्पताल प्रशासन की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर इस मामले की जांच शुरू कर दी है.

पकड़े गए युवक ने बताया कि नकली इलाज और मरीजों से पैसे ऐंठने के धंधे में सोनू चौधरी पिता भूरा चौधरी भी शामिल है. वो फर्जी वार्ड ब्यॉय बनकर मरीजों के परिजनों से मिलता था और उन्हें उचित और जल्दी इलाज का आश्वासन देकर उनसे पैसे ऐंठता था. मेडिकल कॉलेज के सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि फर्जी डॉक्टर लोगों को लूटने का काम बड़ी आसानी से अपने एक गुर्गे के साथ करता था. ये लोग एक दिन में करीब 10 हजार रुपये अस्पताल से कमाते थे.
खबर सोशल मीडिया से