44 पुलिसकर्मी 14 दरोगा और सीओ क्यों सुरक्षा में तैनात रहे दलित बेटी की शादी में क्या है पूरा मामला पढ़ें पूरी खबर

खबर शेयर करें

उत्तर प्रदेश के संभल जिले के गुन्नौर तहसील क्षेत्र के एक गांव में आयी बारात में पहली बार कोई दलित दूल्हा घोड़ी पर चढ़ा. बारात की सुरक्षा के लिए एक सीओ, एक थाना प्रभारी, 14 दारोगा और 44 सिपाही लगाए गए थे. एसपी के निर्देश के बाद पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया था. दरअसल, जूनावई क्षेत्र के लोहामई गांव में रहने वाले एक दलित परिवार ने एसपी संभल से बेटी की शादी में पुलिस सुरक्षा की गुहार लगाई थी. दलित परिवार ने शिकायत देकर कहा था कि गांव में दलित परिवार की शादी में घुड़चढ़ी में गांव के सर्वण जाति के लोग बाधा पहुंचाते हैं और बारातियों के साथ मारपीट करते हैं. इस पर एसपी के निर्देश पर 60 पुलिसकर्मियों को बारात की सुरक्षा के लिए लगाया गया था. इस दौरान थाना प्रभारी ने दलित बेटी की शादी में 11 हजार रुपये शगुन भी दिए.

दलित राजू ने एसपी चक्रेश मिश्र को जानकारी देकर बताया था की गांव में कई वर्षो से दलितों के घर बारात आने पर घुड़चढ़ी पर पाबंदी है. गांव में यदि कोई दूल्हा घोड़े पर चढ़कर आता है तो मारपीट की जाती है. इसके अलावा दलितों की फसलों को सिंचाई के लिए पानी तक देना बंद कर दिया जाता है. गांव में दलित शख्स की बेटी के बारात चड़वाये जाने के लिए बाल्मिकी समाज के कई बड़े नेता भी लोहा मई गांव पहुंचे थे. गांव में बारात शांति पूर्वक चढ़ाए जाने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है.

बताया जा रहा है कि एसपी के निर्देश पर सीओ, थाना प्रभारी समेत 60 पुलिसकर्मी दलित परिवार की शादी में तैनात रहे. लड़की की विदाई के बाद पुलिसकर्मी गांव से गए.