स्टोन क्रेशर मालिकों द्वारा आरबीएम ना लिए जाने पर वाहन चालक और वाहन स्वामी के सामने रोजी-रोटी का संकट पढ़ें पूरी खबर

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स्टोन क्रेशर मालिकों द्वारा आरबीएम ना लिए जाने से वाहन चालक पहुंचे भुखमरी की कगार पर

रिपोर्टर- विनोद कुमार अग्रवाल
स्थान -. लाल कुआं,

उत्तराखंड के कुमाऊ मैं बहने वाली गोला नदी क्षेत्र की लाइफलाइन मानी जाती है, इस नदी के खनन व्यवसाय से लाखो लोगों को रोजगार मिलता है।
चालू वर्ष में गोला नदी में 38 लाख घन मीटर खनन की अनुमति मिली थी जिसमें से अब तक 34 लाख घन मीटर उपखनिज अभी तक निकाला जा सका है और 4 लाख घन मीटर उपखनिज निकलना अभी शेष है ।
ट्रांसपोर्ट यूनियन के महामंत्री हनीफ अहमद ने बताया कि चुनाव से ठीक पहले समतली करण के नाम पर दिए गए खनन पट्टों के कारण लाखों लोग क्रेशरो द्वारा आरबीएम ना खरीदे जाने पर बेरोजगार हो गए हैं ।
आलम यह है कि गोला नदी से 4 लाख घन मीटर उप खनिज खरीदने के लिए बाजार में कोई खरीदार नहीं मिल रहा है। जहां समतलीकरण के नाम पर किए जा रहे खनन की रॉयल्टी ₹9 प्रति कुंटल है ,वही गोला नदी में सरकारी खनन की रॉयल्टी लगभग ₹32 प्रति कुंटल है दोनों रैलियों में असमानता होने के कारण क्रेशर मालिकों को बाजार नहीं मिल पा रहा है,
स्टोन क्रेशर मालिकों की माने तो रॉयल्टी अधिक होने के कारण रेता बजरी का दाम अधिक हो गया है जिस कारण क्रेसरो से उप खनिज बाहरी प्रदेशों में बिकना कम हो गया है।
वही व्यापार मंडल अध्यक्ष तथा वाहन स्वामी दीवान सिंह बिष्ट समतलीकरण के नाम पर दिए गए पट्टों को इसका जिम्मेदार मानते हैं, उन्होंने बताया कि जहां पूरी गोला नदी में 11 गेट हैं तथा इन गेटों में लगभग 7500 डम्पर पंजीकृत है। किंतु क्रेशरों द्वारा आरबीएम ना लिए जाने पर वाहन स्वामीयों के आगे रोजी-रोटी का संकट आ पड़ा हुआ है।
आपको बता दें कि अन्य वर्षों की अपेक्षा इस बार नदी में उप खनिज भी बहुत अच्छा आया था जिस कारण स्टोन क्रेशर मालिकों से जुड़े व्यवसायियों में बहुत अधिक खुशी थी परंतु सरकार ने समतलीकरण के नाम पर जो पट्टे बांटे उससे रॉयल्टीओं में अत्यधिक अंतर आने के चलते स्टोन क्रेशर मालिकों को माल बिक्री करने में दिक्कतें महसूस होने लगी वही माल न बिकने के कारण स्टोन क्रेशर स्वामियों ने माल लेने से इंकार कर दिया है।

बाइट– हनीफ अहमद महामंत्री ट्रांसपोर्ट यूनियन लाल कुआं

बाइट –दीवान सिंह बिष्ट व्यापार मंडल अध्यक्ष एवं वाहन स्वामी