स्वामीराम कैंसर इंस्टीट्यूट में चल रहे निर्माण कार्य पर लगी रोक

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हल्द्वानी। मेडिकल कॉलेज के अधीन स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट में हो रहे निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है। यहां पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की विधिवत अनुमति मिलने से पहले ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया था।
उत्तराखंड फॉरेस्ट हास्पिटल ट्रस्ट के अधीन वर्ष-2010 तक मेडिकल कॉलेज और स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट का संचालन होता था। इसका बजट भी वन विभाग के माध्यम से मिलता था। 12 साल पहले वन भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया को पूरा किए बिना ही मेडिकल कॉलेज को चिकित्सा शिक्षा विभाग को नियमविरुद्ध सौंप दिया गया था जिसके बाद निर्माण कार्य अटक गए।

इसके बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने वन भूमि पर बने भवन की नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू कराई और नई वन भूमि के लिए प्रस्ताव तैयार कर पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेजा।
पिछले साल पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नियमितीकरण की प्रक्रिया के तहत कैंसर इंस्टीट्यूट वाली वन भूमि के लिए सैद्धांतिक सहमति (स्टेज-1) प्रदान की थी। इस अनुमति में कहीं जिक्र नहीं था कि संबंधित अनुमति के बाद निर्माण कार्य शुरू कराया जा सकता है। पर करीब दो महीने पहले स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट के भवन पर नया निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया जबकि मंत्रालय की तरफ से विधिवत अनुमति (स्टेज-2) मिलना बाकी है।

स्थिति यह है कि विधिवत अनुमति के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग की तरफ से वन भूमि की नेट प्रेजेंट वैल्यू तक जमा करने की शर्त भी पूरी नहीं हुई है। बहरहाल, अब मेडिकल कालेज प्राचार्य ने निर्माण कार्य को रोकने का आदेश जारी किया है। ज्ञात हो कि स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट का अपग्रेड कर स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट बनाया जाना है। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय आर्थिक सहायता दे रहा है। कार्यदायी एजेंसी ब्रिडकुल को पहले चरण के लिए 15 करोड़ की राशि जारी हो चुकी है।

कुछ ही प्रोजेक्ट पर कर सकते हैं कार्य
हल्द्वानी। फॉरेस्ट कंजरवेशन एक्ट-1980 के तहत सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद केवल बिजली लाइन, सड़क, पेयजल लाइन बिछाने जैसे कार्य कराये जा सकते हैं। भवन निर्माण के लिए विधिवत अनुमति की जरूरत होती है। कार्बेट पार्क के चर्चित कालागढ़ में निर्माण कार्य को लेकर भी मामला सामने आया था। यहां पर वनाधिकारियों ने बाड़े निर्माण का काम बिना विधिवत अनुमति के शुरू किया था जिसे वन मुख्यालय ने गलत माना था। कैंसर इंस्टीट्यूट के पुराने भवन पर एक ओर मंजिल तैयार की जा रही है, बल्कि खाली वन भूमि पर दूसरा नया अस्थायी भवन बना दिया गया।
क्या बोले अधिकारी
हल्द्वानी। इस संबंध में तराई केंद्रीय वन प्रभाग के डीएफओ वैभव सिंह का कहना है कि क्योंकि नियमितीकरण की प्रक्रिया चल रही है। सैद्धांतिक सहमति है, ऐसे में निर्माण कार्य गलत नहीं है। इस संबंध में पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय, देहरादून के अपर प्रमुख वन संरक्षक पंकज अग्रवाल से जानकारी लेने के लिए फोन किया गया तो उनका कहना था कि वे अभी बाहर हैं। वहीं, स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. केसी पांडे ने इस मामले में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
कोट
कुछ प्रोजेक्ट है जिनमें सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद शर्तों को पूरा करते हुए निर्माण कार्य किया जा सकता है। भवन निर्माण कार्य नहीं हो सकता है।
-एसएस रसाईली, नोडल अधिकारी वन भूमि हस्तांतरण, देहरादून।
कोट
-स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट में चल रहे निर्माण कार्य के लिए विधिवत अनुमति नहीं आयी थी। प्रकरण का पता चला तो उसका कार्य रुकवा दिया गया है। सभी प्रक्रियाओं को पूरा होने के बाद कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
-डॉ. अरुण जोशी, प्राचार्य मेडिकल कालेज हल्द्वानी