पिथौरागढ़ एयरपोर्ट का संचालन वायु सेना को सौंपने की तैयारी में

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सीमांत जिला पिथौरागढ़ के नैनीसैनी एयरपोर्ट को भारतीय वायु सेना को सौंपने की कवायद चल रही है। रविवार को मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने भी एयरपोर्ट का निरीक्षण किया। उनके निरीक्षण को भी एयरपोर्ट के संचालन का जिम्मा वायु सेना को देने के रूप में देखा जा रहा है। जल्द ही इस संबंध में शासन स्तर पर उच्च स्तरीय बैठक हो सकती है।

पिथौरागढ़ सीमांत जिला होने के साथ ही नेपाल की सीमा से सटा है। यहां मौजूद नैनीसैनी एयरपोर्ट सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस एयरपोर्ट का इस्तेेमाल यात्री उड़ानों के साथ वायु सेना भी करती रहती है। कुछ दिन पूर्व भारतीय वायुसेना के शीर्ष अधिकारी ने भी एयरपोर्ट का निरीक्षण किया था। सूत्रों के मुताबिक नैनी सैनी एयरपोर्ट को संचालन करने के लिए वायु सेना ने भी सहमति जताई है। उधर, जिलाधिकारी पिथौरागढ़ आशीष चौहान ने संपर्क करने पर बताया कि अभी तक इस बारे में कुछ नहीं कर सकते हैं।

सीमांत की जनता को भी मिलेगा लाभ
भारतीय वायुसेना की ओर से एयरपोर्ट का संचालन करने पर ऑपरेशन और रखरखाव का दायित्व भारतीय वायु सेना का होगा। इसका लाभ सीमांत की जनता को भी मिलेगा। उड़ानें नियमित हो सकेंगी। सामरिक महत्व का एयरपोर्ट होने के कारण भविष्य में हवाई पट्टी का विस्तार भी होगा। इसके बाद बड़े विमान भी बड़े उड़ान भर सकेंगे।

1991 में बनी हवाई पट्टी, 2015 में विस्तार
नैनीसैनी में हवाई पट्टी वर्ष 1991 में बनकर तैयार हो गई थी। व्यावसायिक उड़ान के लिए हवाई पट्टी थी। इस पर 65 करोड़ से रनवे 1600 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा बनाया गया। नवंबर 2015 में नौ सीटर विमान की ट्रायल लैंडिंग की गई। 26 जनवरी 2016 से नियमित उड़ान शुरू करने का प्रयास किया लेकिन तमाम कमियों के कारण उड़ान शुरू नहीं हो सकी। वर्ष 2018 में डीजीसीए ने निरीक्षण कर हरी झंडी दी तो एयर ट्रैफिक कंट्रोल, फायर ब्रिगेड सहित सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर टर्मिनल भवन में टिकट बुकिंग काउंटर स्थापित कर दिया गया।17 जनवरी 2019 को पहली व्यावसायिक उड़ान शुरू हुई।

वर्ष 2020 से रुकी उड़ानें
नैनीसैनी एयरपोर्ट से देहरादून और पंतनगर के लिए नियमित उड़ान के बाद 11 अक्तूबर 2019 को गाजियाबाद के हिंडन के लिए भी सीधी विमान सेवा शुरू हुई। मार्च 2020 में विमान के रनवे में फिसलने के बाद दोबारा इस हवाई पट्टी में आम जनता के लिए विमान नहीं उतरा है। नैनीसैनी एयरपोर्ट को वायु सेना को सौंपने के बारे में अभी तक शासन को कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।