सामने आईं कर्णप्रयाग रेल लाईन की तस्वीरें, ऐसे पहुंचेगी पहाड़ में रेल

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उत्तराखंड के पहाड़ों में रेल का सपना जल्द पूरा होने वाला है। डबल इंजन की सरकार में ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन (Rishikesh Karnaprayag Rail Line) का काम बेहद तेजी से चल रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि ये योजना अपने तय समय पर पूरी हो जाएगी और पीएम नरेंद्र मोदी का एक ड्रीम प्रोजेक्ट भी इसी के साथ पूरा जाएगा।
हाल ही में ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना की कुछ नई तस्वीरें सामने आईं हैं। इन तस्वीरों को रेल मंत्रालय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर किया है। इन तस्वीरों में इस रेल लाइन पर बन रही सुरंगों की तस्वीरों को दिखाया गया है। इनमें बताया गया है कि किस तरह से इस रेल लाइन के लिए सुरंगों के निर्माण का काम तेजी से किया जा रहा है। रेल मंत्रालय ने लिखा है, ‘देवभूमि को जोड़ते हुए – कठिन भौगोलिक चुनौतियों के बावजूद ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई रेल लाइन परियोजना पर 50 किमी टनेलिंग कार्य का बड़ा पड़ाव हासिल हुआ है। पिछले 25 किमी की टनलिंग केवल 5 महीनों में पूरी हुई, इसके विपरीत पहले 25 किमी, जिसमें 33 महीने लगे।’ अपनी इस पोस्ट के साथ ही रेल मंत्रालय ने कुछ तस्वीरों भी पोस्ट की हैं,

ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक जाने में आठ घंटे का समय लगता है लेकिन रेल लाइन के बन जाने से यह सफर ढाई से तीन घंटे का हो जाएगा। इस रेल लाइन पर 13 स्टेशन प्रस्तावित हैं जिसमें न्यू ऋषिकेश, मुनी की रेती, शिवपुरी, मंजिलगांव, साकनी, देवप्रयाग, कीर्तिनगर, श्रीनगर, धारी, रुद्रप्रयाग, घोलतीर, गौचर और कर्णप्रयाग है। ये परियोजना भारतीय रेल इतिहास की एक बड़ी परियोजना है। इस परियोजना में 17 सुरंग बनेंगी और साथ में 12 एस्केप सुरंग भी बनाई जा रहीं हैं। इस परियोजना के तहत रेलवे ट्रैक पर कुल 16 पुल बनेंगे जिसमें से पांच स्थानों पर दोहरे पुल होंगे। 105 किमी रेल लाइन सुरंग में होकर जाएगी। 126 किलोमीटर लंबी इस रेलवे लाइन में प्रति किलोमीटर रेल लाइन के निर्माण में 134.31 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इस परियोजना पहले चरण के लिए 16 हजार दो सौ करोड़ रूपए की मंजूरी मिली है।