जागेश्वर धाम में श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुले गर्भगृह के कपाट

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करीब दो साल बाद जागेश्वर धाम में सभी प्रमुख मंदिरों के गर्भगृह के कपाट श्रद्धालुओं के लिए आज 27 फरवरी से खुल गए हैं। अब देश-विदेश से आने वाले भक्त गर्भगृह पहुंचकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक भी कर सकेंगे। वहीं, ऑनलाइन पूजा पर भी लगी रोक हटा दी गई है। इससे जागेश्वर धाम के प्रति आस्था रखने वाले लाखों भक्त और स्थानीय पुजारियों ने राहत की सांस ली है।
दरअसल, कोरोना संक्रमण को देखते हुए मई 2020 में जागेश्वर धाम स्थित जागेश्वर, महामृत्युंजय, पुष्टि देवी, केदारनाथ आदि प्रमुख मंदिरों के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। इसके चलते दो साल से श्रद्धालु गर्भगृह पहुंचकर शिव का जलाभिषेक नहीं कर पा रहे थे। पुजारियों की ओर से मंदिर के खुले प्रांगण में टेंट लगाकर श्रद्धालुओं के लिए पूजा और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान की वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी।
लंबे समय से पुजारी मंदिर के गर्भगृह को आम श्रद्धालुओं के लिए खोलने की मांग पर मुखर थे। इसी को लेकर शनिवार को गुरुड़ाबांज स्थित तहसील में एसडीएम गोपाल चौहान की अध्यक्षता में पुजारियों के साथ बैठक हुई। तय हुआ रविवार से मंदिर के गर्भगृह श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। एसडीएम ने बताया कि
श्रद्धालुओं के लिए जागेश्वर धाम के मंदिरों के गर्भगृह के कपाट खोलने के निर्देश दे दिए हैं। जलाभिषेक के दौरान श्रद्धालुओं को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ेगा। जागेश्वर मंदिर में ऑनलाइन पूजा पर लगी रोक भी हटा दी गई है।