भगवान कृष्ण की प्रतिमा से एक बाप ने कराई अपनी बेटी की शादी जिसने भी देखा सबकी आंखें भर आई क्या है पूरा मामला पढ़े पूरी खबर

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कहते हैं विधाता की महिमा अपरंपार है, वह कब किस को क्या देता है और क्या लेता है यह ईश्वर ही जानता है। हाल ही में जिले में हुई एक बिटिया की शादी की खूब चर्चा हो रही है। यहां एक पिता ने अपनी बेटी की खुशी की खातिर ऐसी शादी की कि देखने वालों की आंखें भर आई। लेकिन यह शादी आम शादी नहीं थी । इस शादी में जहां लडक़ी व्हीलचेयर पर बैठकर मंडप के नीचे पहुंची वहीं दूल्हे के रूप में भगवान कृष्ण की प्रतिमा को लाया गया, बारात भी आई और बारातियों ने डांस भी किया। इसके बाद मंडप के नीचे पिता ने विधि विधान से बेटी का भगवान कृष्ण की प्रतिमा से विवाह कराया और कलेजे से लगा कर रोते हुए अपनी बेटी को विदा किया ।लेकिन बेटी ससुराल की जगह वापस अपने पिता के घर श्रीकृष्ण को पति के रूप में लेकर पहुंची। दरअसल यह सब एक पिता ने अपनी अनुवांशिक बीमारी से पीडि़त बेटी की खुशी की खातिर किया जो लोग भी इस शादी में शामिल हुए वह यह दृश्य देखकर भावुक हो गए और उनकी आंखों से भी आंसू बहने लगे।

मोहना निवासी शिशुपाल राठौर व्यवसायी हैं। उनका बिल्डिंग मटेरियल का काम है। गुरुवार को स्वदेश से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि उनकी बड़ी बेटी सोनली (26) गंभीर बीमारी से जूझ रही है। बिटिया को ल्यूकोडिस्ट्रॉफी नामक बीमारी है। यह अनुवांशिकी बीमारी है, जिसमें पीडि़त का शरीर काम नहीं करता है। सोनली 5 साल तक तो आम बच्चों की तरह ही मस्ती किया करती थी, लेकिन इसके बाद उसके शरीर ने काम करना कम कर दिया। चिकित्सकों को दिखाया तो बीमारी का पता चला। साल 2019 आते-आते पूरे शरीर से रिस्पॉन्स गया। बेटी की ऐसी हालत देख पिता दुखी रहने लगे। इसी समय किसी ने उन्हें बताया कि शायद शादी के बाद यह बीमारी खत्म हो जाए। इसके बाद उन्होंने बेटी के हाथ पीले करने का मन बनाया।

6 को सभी रिश्तेदारों को दी सूचना, दादा ने लिया कन्यादान

चर्चा के दौरान श्री राठौर ने बताया कि 6 नवंबर को उन्होंने रिश्तेदारों को कॉल किया और 7 नवंबर के लिए आमंत्रित किया। रिश्तेदार भी शादी का निमंत्रण पाकर आश्चर्यचकित रह गए। कुछ रिश्तेदारों ने तो पूछा कि ऐसा कौन युवक है, जो शारीरिक रूप से अक्षम बेटी से शादी कर रहा है। सोनली की बुआ ने कहा- अरे वृंदावन से स्वयं कन्हैया जी बेटी को ब्याहने आ गए हैं। सोनाली का कन्यादान उनके दादा रामस्वरूप राठौर ने लिया।

द्वार पर जमकर हुआ डांस

सोनली की शादी में पिता ने कोई कमी नहीं रखी। हल्दी, मेंहदी, संगीत के साथ ही सारी रस्में निभाई गईं। उसे ब्याहने खुद श्रीकृष्ण बारात लेकर द्वार पर पहुंचे। यहां गांववालों ने बारात का स्वागत किया। द्वार पर जमकर बारातियों ने डांस किया। वरमाला के बाद फेर हुए फिर विदाई हुई। माता-पिता के साथ पूरे परिवार समेत गांववाले रोए। सोनल अपने पति के साथ कृष्ण मंदिर पहुंची, जहां से भाई वापस उसे घर लेकर आया।

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