एक और जहाँ लोग अपने स्वार्थ के चलते पेड़ों को ज़मीनों से काटते जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर वन्य सम्पदा एवं पेड़ों को बचाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे अमित सैनी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रहे हैं।प्राचीन पेड़ का किया गया पुनर्विस्थापन।

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स्लग: प्राचीन पेड़ का किया गया पुनर्विस्थापन।
स्टेशन: बाज़पुर
रिपोर्टर: विशेष शर्मा
एंकर- एक और जहाँ लोग अपने स्वार्थ के चलते पेड़ों को ज़मीनों से काटते जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर वन्य सम्पदा एवं पेड़ों को बचाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे अमित सैनी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रहे हैं।
बता दें कि 2021 में भी इनके प्रयास द्वारा एक प्राचीन पेड़ का रिप्लांटेशन किया गया था जोकि भलीभाँति फल फूल रहा है।उसी तरह आज एक त्रिवेणी वृक्ष को एक बार फिर पुनर्स्थापित किया जा रहा है।
श्रीरामभवन धर्मशाला बाज़पुर के परिसर में लगे पीपल, बरगद व नीम के बड़े संयुक्त पेड़ को रिलोकेट कर सफलतापूर्वक रीप्लांट कराने का कार्य पूर्ण किया गया। इस बेहद प्राचीन पीपल और बरगद के मिश्रित वृक्ष को मूल स्थल से निकाल कर दो किलोमीटर दूर ग्राम लखनपुर स्थित श्रीराधे कृष्ण गौसेवा सदन परिसर में परिस्थापित कर दिया गया है। भारी भरकम वृक्ष को दूसरी जगह स्थापित किये जाने के इस एकल प्रयास को लेकर तमाम पर्यावरण प्रेमी समाज में काफ़ी गहरा हर्ष बना हुआ है।
दिल्ली से आये पेड़ो को रिलोकेट कर उन्हें रीप्लांट करने के विशेषज्ञ अजय नागर तथा स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ता अमित सैनी की देखरेख में आज बाजपुर श्रीरामभवन धर्मशाला स्थित बेहद प्राचीन पीपल, बरगद और नीम के मिश्रित वृक्ष को मूल स्थान से हटा कर उसे नये स्थल पर सफलतापूर्वक प्रतिस्थापित कर दिया गया। स्थानीय पर्यावरण संस्था ग्रीन बाजपुर क्लीन बाजपुर से जुड़े अमित सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि माह फरवरी में श्रीरामभवन धर्मशाला प्रबंधन समिति ने उन के नव निमार्ण के बीच आ रहे इस विशाल वृक्ष को प्रतिस्थापित किये जाने की इच्छा व्यक्त की थी। वनाधिकारियों की पर्याप्त संस्तुति और अनुमति के पश्चात दिल्ली में वृक्षों को परिस्थापित करने में विशेषज्ञ अजय नागर को बाजपुर स्थित इस विशाल वृक्ष को परिस्थापित करने का अनुरोध किया गया। मात्र एक वृक्ष को परिस्थापित किये जाने की प्रारम्भिक आनाकानी के पश्चात पर्यावरण सरंक्षण की सोच को बलवती करते हुए श्री नागर ने उक्त विशाल वृक्ष को परिस्थापित किये जाने का अनुरोध स्वीकार कर लिया। जिस के बाद दिनाक 8 फरवरी को उत्तराखण्ड वाइल्ड लाईफ बोर्ड के सदस्य मयंक तिवारी ने विशेष रुचि लेते हुए वृक्ष को परिस्थापित किये जाने की मुहिम का नारियल फोड़ कर परियोजना की शुरुआत की थी।
विगत तीन माह के अंदर श्री नागर और उन की टीम ने पहले इस बड़े पेड़ की पुरानी जड़ांे को काट कर पेड़ का सम्बंध मूल भूमि से अलग कर उसे पर्याप्त रसायनो के माध्यम से जीवित रखा। तीन माह के बाद जब पेड़ पर नये पत्ते आ गये तब इसे आज दो बड़ी क्रेन के माध्यम से उठा कर एक बड़े ट्राले में रखवा कर समूल पेड़ को दो किलोमीटर दूर ग्राम लखनपुर स्थित श्रीराधेकृश्ण गोसेवा सदन परिसर में सफलता पूर्वक परिस्थापित कर दिया गया।
इस सम्बंध में विशेषज्ञ अजय नागर ने बताया कि पेड़ को पूरी सफलता से प्रतिस्थापित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि उठाये जाने की प्रक्रीया के दौरान पेड़ के तने को कुछ नुकसान तो हुआ है पर उस पर रासायनिक लेप लगा दिया गया है। उन्होंने बताया कि एक माह के अंदर पेड़ में नये पत्ते आ जायेंगे और यह आने वाले समय में पर्यावरण सरंक्षण की एक मिसाल बन के दिखेगा।
इस से पूर्व स्थानीय श्रीराम भवन धर्मशाला परिसर में विगत कई दशको से गहरी आस्था के केंद्र बने पीपल, बरगद तथा नीम की त्रिवेणी वृक्ष को उठा कर अन्यत्र ले जाने से पूर्व धार्मिक विधिविधान से वृक्ष पूजा की गयी। इस दौरान विशेष रुप से उपस्थित रहे उत्तराखण्ड वाईल्ड लाईफ बोर्ड के सदस्य मयंक तिवारी ने नारियल फोड़ कर शुभकार्य का आरम्भ किया। पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचे और उन्होंने सफलतापूर्वक कार्य पूरा करने पर श्री नागर और समूची ग्रीन बाजपुर क्लीन बाजपुर टीम को अपनी शुभकामनाऐं भी दी।
बाजपुर नगर क्षेत्रवासियों ने भी भारी संख्या में इस अनोखी कार्यवाही को नजदीक से देखा और उस का फिल्मांकन भी किया।

पर्यावरण संरक्षण की इस बड़ी कार्यवाही से पूर्व वर्ष 2021 में भी दोराहे पर स्थित एक विशाल पीपल के बेहद पुराने वृक्ष को भी इसी प्रकार सफलता पूर्वक रीलोकेट कर रीप्लांट किया गया था। ग्रीन बाजपुर क्लीन बाजपुर के अमित सैनी ने बताया कि उस समय भी इस पीपल के वृक्ष को काट दिये जाने की नौबत आ गयी थी पर अथक प्रयास किये जाने पर वन तथा प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दिये गये सहयोग के बाद पीपल के वृक्ष को तब दोराहे से चार किलोमीटर दूर राजकीय इंटर कालेज परिसर में सफलता पूर्वक परिस्थापित कर दिया गया था। आज भी यह वृक्ष अपनी पूरी शिददत के साथ हरा भरा पूरे वातावरण को आक्सीजन देता नजर आ रहा है। पर्यावरण संक्षण के बाजपुर में दूसरे अभिनव प्रयोग के सफलता पूर्वक पूरा हो जाने पर तमाम पर्यावरण से जुड़े लोगों ने गहरा हर्ष व्यक्त किया है।
वाइट: अमित सैनी …………………….. ग्रीन बाज़पुर क्लीन बाज़पुर संस्था के सहयोगी।

अजय नागर…………………………….. रिप्लांटेशन विशेषज्ञ