‘जिस दिन भारत माता के बेटों का संयम डोलेगा, अरे तू क्या तेरा अब्बा भी भारत माता की जय बोलेगा’

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'जिस दिन भारत माता के बेटों का संयम डोलेगा, अरे तू क्या तेरा अब्बा भी भारत माता की जय बोलेगा'

‘जिस दिन भारत माता के बेटों का संयम डोलेगा, अरे तू क्या तेरा अब्बा भी भारत माता की जय बोलेगा’, ये किसी फिल्म की पंक्तियां नहीं न ही किसी नेता का बयान है. बल्कि राजस्थान में हुए कवि सम्मेलन में मंच से बोली गई वो पंक्तियां हैं, जिनके बाद पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा. दरअसल, दौसा जिले के लालसोट उपखंड मुख्यालय पर जवाहरगंज पुरानी अनाज मंडी के प्रांगण में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रख्यात वीर रस के कवि विनीत चौहान ,गौरव चौहान एटा ने जहां राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत कविताओं को प्रस्तुति देकर लोगों को राष्ट्रभक्ति के जज्बे से सरोबार कर दिया. 86 वर्षीय कवि पदम अलबेला ने बढ़ती कन्या भूण हत्या पर अपनी काव्य रचना के माध्यम से लोगों को झकझोर दिया. हास्य कवि प्रवीण कुमार मस्त ,डॉक्टर रंजन बरेली, सुनील व्यास ने हास्य कविताओं के माध्यम से लोगों को हंसा कर उनमें जन चेतना पैदा करने का भी काम किया. कल्पना शुक्ला ने श्रृंगार रस की कविताओं की प्रस्तुति देकर लोगों के मन को मोह लिया.

इस अवसर पर कवि सम्मेलन में यूपी, पंजाब के चुनाव के मुद्दे हावी रहे वहीं दूसरी तरफ अयोध्या में राम राम मंदिर तथा मोदी योगी की जुगल जोड़ी की रचनाओं पर भी जोड़ रहा. यूपी में गुंडा तत्वों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी द्वारा चलाए जा रहे बुलडोजर अभियान पर भी कवियों ने बेबाक टिप्पणी करते हुए अपनी रचनाओं को पेश किया.

देश तथा समाज व्यवस्था में बढ़ती रावणमयी प्रवृत्ति पर कटाक्ष करते हुए प्रख्यात वीर रस के कवि विनीत चौहान ने कहा कि किस रावण का बाहें काटू, किस रावण का शीश उड़ाऊं, घर-घर लंका, पग पग रावण, इतने राम कहां से लाऊं. वीर रस के कवि गौरव चौहान ने भारत माता को नमन तथा जय नहीं बोलने वाले लोगों पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘यह सब की जीवन दाता है, यह नहीं किसी धर्म की, यह सवा अरब की माता है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि भारत मां को केवल धरती का टुकड़ा कहते हैं, इतनी जिद्दी है कि भारत माता की जय नहीं बोल सकते, भारत माता का अपमान हरगिज़ नहीं होने देंगे, जिस दिन भारत माता के बेटों का संयम डोलेगा, अरे तू क्या तेरा अब्बा भी भारत माता की जय बोलेगा. इसके बाद पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा. वहीं दूसरी तरफ अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि यह माना मुल्क में कुछ मजहबी शैतानी जिंदा हैं, दिलों में गजनबी के अरमान फिर से जिंदा हैं, कोई बाबर ना फिर से तोड़ पाएगा अयोध्या , अवध में श्री राम के हनुमान जिंदा हैं.

इसी तरह 86 वर्षीय पदम अलबेला ने बढ़ती कन्या भ्रूण हत्या पर चिंता व्यक्त करते हुए अपनी काव्य रचना में कहा कि जन्म से पहले बेटी को मत मारो देवदास तो होंगे मगर नहीं मिलेगी पारो. ऐसे मां-बाप को शर्म नहीं आती है यह सोच सोच कर तरस आता है अपनी नई पीढ़ी शादी को तरसेगी, दुल्हनिया क्या ऊपर से बरसेगी ?. इस काव्य रचना ने लोगों को झकझोर दियां. वही समाज व्यवस्था पर जमकर कटाक्ष किया इसी तरह डॉ रंजन ने अपनी काव्य रचना में कहा कि बड़े बड़े गुंडे बदमाश और मवेलियों की मौज भरी जिंदगी को खराब कर डाला, मोदी के बुलडोजर ने लोगों का जीना हराम कर डाला. प्रवीण कुमार मस्त अपनी हास्य कविता के माध्यम से समाज में पनप रहे प्रॉपर्टी दलालों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि घर-घर प्रॉपर्टी के दलाल हो गए, 2% आपके हलाल हो गए, यह अपने बाप को प्लॉट दिलाने में उसकी दलाली खाएंगे, जमीन का भाव आसमान में हो गया, जेब नोटों से भर गया, मगर जेब के नीचे का दिल खाली है

इस अवसर पर राष्ट्रीय संत मदन मोहन दास महाराज, रंगलाल मीणा मास्टर ,चेयरमैन रक्षा मिश्रा, पूर्व चेयरमैन दिनेश मिश्र, प्रेम प्रकाश चौधरी हरिनारायण माठा, भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश कार्यालय मंत्री सुमन मीणा खुर्रा, डॉक्टर जय सिंह मीणा, डॉक्टर सुमन मीणा मंडावरी, सोनू बिनोरी, अशोक चौधरी ,धर्मेंद्र चोपड़ा, प्रेम प्रकाश शर्मा शिवाड़, रामचरण बौहरा, सहित सैकड़ों की तादाद में लोग मौजूद थे.

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