अब ‘आप’ में भी उठने लगे बगावत के सुर

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मन में उठने लगी पूर्ण राज्य के मुख्यमंत्री बनने की लालसा

भगवंत मान को खुद से ज्यादा काबिल बताकर अरविंद केजरीवाल ने शुरू की नई वकालत

पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुजरात यात्रा पर गए थे। उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी गए थे। राजनीतिक नजरिये से देखें तो यह बिल्कुल ठीक है, लेकिन इसके संदेश बड़े दूरगामी है। खासकर तब जब उन्होंने खुद बयान दिया कि मैंने दिल्ली से भ्रष्टाचार खत्म किए और मान ने 10 दिन के अंदर ही पंजाब को ‘करप्शन फ्री’ बना दिया। अब खुद से ज्यादा मान को काबिल बताकर केजरीवाल ने नई बहस छेड़ दी। यह बहस बाहर भले ही न निकले लेकिन आम आदमी पार्टी के भीतर यह जरूर चर्चा में है।

ट्विटर पर भी यह बहस है कि साल 2024 के चुनाव में केजरीवाल खुद को प्रधानमंत्री चेहरा घोषित कर देंगे। लेकिन चिंता की बात यहीं से शुरू होती है। राजनीति के जानकार कहते हैं कि दिल्ली जैसे अपूर्ण राज्य का मुख्यमंत्री बनकर केजरीवाल को तब तक ठीक लगा, जब तक उनके पास पूर्ण राज्य नहीं था। अब जब पंजाब जैसा पूर्ण राज्य उनके पास है, तो भी वो अपूर्ण राज्य के सीएम हैं। शायद यही कारण है कि उन्होंने अपने गुजरात दौरे पर पंजाब के सीएम को साथ रखा। यूं कहें कि सामने रखा। मान सामने खड़े भी रहे। उन्होंने मीडिया से कहा- कमल कहां खिलता है, जवाब आया- कीचड़ में। फिर उन्होंने पूछा- झाड़ू का क्या काम है, रिप्लाई मिला- कीचड़ साफ करना।

तब उन्होंने अपनी बात पूरी की और तेवर उग्र करते हुए कहा- जहां-जहां भाजपा कीचड़ में कमल खिलाएगी, वहां-वहां ‘आप’ कीचड़ सफाई करने पहुंच जाएगी। राजनीति के जानकारों को जवाब यहीं से मिलता है। वह कहते हैं कि गुजरात चुनाव में भगवंत मान को आगे कर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी और यहीं से मान का पतन चालू होगा और उनकी अनुपस्थिति में केजरीवाल धीरे-धीरे पंजाब पर हावी होते जाएंगे। ऐसा हुआ तो साल 2024 के चुनाव के पहले केजरीवाल पंजाब राज्य के मुख्यमंत्री बन जाएंगे और भगवंत मान ‘आडवाणी’ सरीखे बड़े नेता बन जाएंगे। ट्विटर के एक यूजर अंकुर श्रीवास्तव ट्वीट करते हैं कि अरविंद केजरीवाल खुद स्वीकार कर लिए कि भगवंत मान उनके बड़े नेता है, तभी तो उन्होंने गुजरात रोड शो में यह दिया कि मान ने 10 दिनों के भीतर पंजाब को भ्रष्टाचार मुक्त करा दिया।

वहीं कैजाद नाम का एक शख्स कहता है कि दिल्ली में अंतिम व्यक्ति को फ्री का लालच देकर केजरीवाल सीएम बन गए, लेकिन अब दिल्ली की जनता जान गई है कि वो प्रदेश का भला नहीं कर सकते। यमुना आज भी गंदी हैं, प्रदूषण दिल्ली से ज्यादा किसी शहर में नहीं है। कई लोगों ने बिजली विभाग के खिलाफ लड़ाई केवल इसलिए शुरू कर दी है कि वो फ्री न देना पड़े इसलिए फाल्स बिजली बिल देने लगी है। भाजपा के प्रवक्ता आलोक वर्मा कहते हैं कि दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी या आप रहेगी यह अलग बात है, लेकिन अरविंद केजरीवाल दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे।

एक बड़ी राजनीतिक महत्वाकांक्षा रखने वाला शख्स खुद को आधे-अधूरे राज्य का सीएम देखकर अंदर ही अंदर घुट रहा होगा। वह तंज कसते हैं और कहते हैं कि केजरीवाल उस दिन घर बंदकर खूब रोते होंगे, जिस दिन कोई बड़ा पुलिस अफसर (डीजी/एडीजी लेवल) भगवंत मान को सैल्यूट मारता होगा। वहीं दिल्ली के विजय पांडेय कहते हैं कि पंजाब का सीएम बनने के लिए केजरीवाल दिल्ली में खुद चुनाव हार जाएंगे और किसी बहाने भगवंत मान को पद से हटाकर खुद पंजाब का सीएम बनेंगे।

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