बहुचर्चित रुद्रपुर सीट से निर्दलीय प्रत्याक्षी विधायक ठुकराल समर्थकों एवं भाजपा समर्थकों में मारपीट, प्रशासन सतर्क।

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विधानसभा चुनाव में रुद्रपुर सीट से भाजपा के दो बार से चले आ रहे विधायक राजकुमार ठुकराल की भाजपा से टिकट काट कर शिव अरोरा को भाजपा का प्रत्याशी बनाया गया है।टिकट काटे जाने के बाद विधायक राजकुमार ठुकराल द्वारा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन किया गया है। विधायक राजकुमार ठुकराल को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सीटी चुनाव चिन्ह मिला है।

निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधायक राजकुमार ठुकराल एवं भाजपा प्रत्याशी के रूप में शिव अरोरा का एक दूसरे के प्रति आरोप-प्रत्यारोप का दौर जोरों पर है। दोनों ही प्रत्याशी अपने अपने चुनाव प्रचार में जोर शोर से लगे हैं। इसी आरोप-प्रत्यारोप के चलते चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा व निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थक आमने-सामने आ गए। दोनों पक्षों के समर्थकों के बीच मारपीट होने की घटना बताई जा रही है।

उत्तराखंड भाजपा की प्रभारी लॉकेट चटर्जी की रविवार को दिनेशपुर रोड स्थित ग्राम सुंदरपुर में एक जनसभा थी। जहां भाजपा प्रत्याशी सांसद लॉकेट चटर्जी समर्थकों के साथ पहुंचे थी। आरोप है कि सभा के बाद रुद्रपुर से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे राजकुमार ठुकराल के समर्थकों ने भाजपा समर्थकों के वाहन को रोककर वाहन के भीतर से उपप्रधान सुब्रत बछाड़ को बाहर खींच लिया गया और सुब्रत के साथ मारपीट शुरू कर दी। आसपास के लोगों के द्वारा उन्हें किसी तरह से बचाया गया। मारपीट के बाद भाजपा की ओर से निर्दलीय प्रत्याशी राजकुमार ठुकराल पर बंगाली समाज को डराने तथा उनके समर्थकों द्वारा मारपीट करने का आरोप लगाया है।

भाजपा सह प्रभारी लॉकेट चटर्जी ने कहा कि 14 फरवरी को बंगाली समाज इस मारपीट का जवाब जरूर लेगा। उन्होंने कहा कि घटना से बंगाली समाज में ठुकराल के खिलाफ भारी रोष है। बंगाली समाज की ओर से तहरीर देने की तैयारी की जा रही है। खबर लिखे जाने तक भी पहुंच गए हैं ने पुलिस प्रशासन से मामले में तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है। भाजपा प्रत्याक्षी शिव अरोरा सहित भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्त्ता ग्राम सुंदरपुर में ही कार्यवाही की मांग को लेकर धरने पर बैठे है। भारी संख्या में पुलिस बल के साथ पुलिस बल मौके पर उपस्थित है।

इधर दोनों प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच किसी तरह की झड़प ना हो इसको लेकर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। प्रशासन पूर्व से ही इन दोनों प्रत्याशियों को लेकर सतर्क है। दोनों प्रत्याशियों द्वारा नामांकन के दौरान भी प्रशासन द्वारा कलेक्ट्रेट का मुख्य द्वार बंद कर अलग-अलग नामांकन जमा की व्यवस्था की गई थी।