भगवान राम की मूर्ति पर पथराव, कई वाहनों को आग के हवाले किया: कर्नाटक के कोलार में करौली जैसी हिंसा

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इसके पहले राजस्थान के करौली में हिंदू नव वर्ष के जुलूस पर 2 अप्रैल को हिंसा हुई थी। इस दौरान दुकानों में आगजनी की गई। इसमें पुष्पेंद्र नाम का एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसके शरीर पर चाकू से हमले के निशान थे।

कर्नाटक कोलार हिंसा
कर्नाटक के कोलार में करौली जैसी हिंसा (फोटो साभार: जी न्यूज़)

कर्नाटक (Karnataka) के कोलार (Kolar) जिले के मुलबगल में रामनवमी (Ram Navami) की पूर्व संध्या पर निकल रही शोभा यात्रा पर उपद्रवियों द्वारा पथराव करने के बाद तनाव की स्थिति हो गई है। पुलिस के मुताबिक, इस घटना के बाद मुलबगल (Mulbagal) में CrPC (आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और पाँच लोगों को हिरासत में ले लिया गया है।

पुलिस ने बताया कि रामनवमी की पूर्व संध्या पर आयोजित शोभा यात्रा शुक्रवार (8 अप्रैल 2022) दोपहर को शिवकेशव नगर से शुरू हुई। शोभायात्रा जैसे ही जहाँगीर मोहल्ले की ओर बढ़ने लगी, अचानक 7.40 बजे बिजली कट गई और शरारती तत्वों ने भगवान राम की मूर्ति पर पथराव करना शुरू कर दिया। मौके पर मौजूद पुलिस ने हल्के बल का प्रयोग करते हुए स्थिति को नियंत्रित किया। फिलहाल इलाके में कड़े पुलिस बंदोबस्त किए गए हैं।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बदमाशों ने इस दौरान दो कारों के शीशे भी तोड़ दिए और एक बाइक में आग लगा दी। इस घटना में कुछ युवक घायल भी हो गए हैं। कोलार के एसपी डी देवराज ने कहा कि शुक्रवार को शोभा यात्रा के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था, लेकिन बिजली की सप्लाई बंद होने की वजह से बदमाश मौका का फायदा उठाने मे कामयाब रहे। इस मामले की जाँच की जा रही है।

बता दें कि हिंसाग्रस्त मुलबगल में आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव से हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल था। उपद्रवियों ने इलाके में काफी देर तक उत्पात मचाया। फिलहाल, इलाके में प्रशासन की अनुमति के बिना किसी तरह के धार्मिक जुलूस निकालने की इजाजत नहीं है। पुलिस उपद्रवियों की तलाश कर रही है। बीते दिनों राजस्थान के करौली में भी हिंदू नव वर्ष के शुभ अवसर पर हिंदू समुदाय पर हिंसक हमला हुआ था।

करौली हिंसा

गौरतलब है कि राजस्थान के करौली में हिंदू नव वर्ष के जुलूस पर 2 अप्रैल को हिंसा हुई थी। दुकानों में आगजनी की गई। इसमें पुष्पेंद्र नाम का एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसके शरीर पर चाकू से हमले के निशान थे। उपद्रवियों को काबू करते हुए पुलिस के 4 जवान भी घायल हुए थे। कुल 43 लोगों के घायल होने की खबर मीडिया में आई थी। इसके बाद मामले में जाँच शुरू हुई और पीएफआई का एक पत्र सामने आया, जिसने इस हिंसा के सुनियोजित होने की ओर इशारा किया था। बाद में कॉन्ग्रेसी नेता मतबूल अहमद की भूमिका भी हिंसा में पाई गई।