लेडी डॉन ने देखा क्राइम पेट्रोल और दे दिया घटना को अंजाम पढ़ें परी खबर

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भोपाल। राजधानी पुलिस ने एक लेडी डॉन और उसके गैंग को पकड़ने में सफलता हासिल की है। लेडी डॉन अपने गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर रात में बस स्टेशन से लेकर रेलवे स्टेशन और सुनसान रास्तों पर अकेले मर्दों को लिफ्ट लेने के नाम पर फंसाती थी। लेडी डॉन अपने शिकार को अपनी अदाओं के जाल में फांसने के बाद उससे कैश, गोल्ड और मोबाइल फोन तक छीन लेती थी। वारदात को अंजाम देने के लिए गैंग सुनसान रास्ते चुनता था। इसके बाद गैंग के अन्य सदस्य गाड़ी रोकर पीड़ित युवक से मारपीट कर उसका वीडियो बना लेते थे। उसका अपहरण से लेकर लूट और ब्लैकमेलिंग की वारदातों को अंजाम दे रहे थे। पुलिस के हत्थे चढ़ी लेडी डॉन ने भोपाल में ही 100 से ज्यादा लोगों को शिकार बना चुकी है।
रातीबड़ थाना प्रभारी सुदेश तिवारी के मुताबिक अरूण राय नाम के युवक ने अज्ञात लड़की और उसके साथियों द्वारा मारपीट, अपहरण और कार ले जाने की शिकायत की थी। उसने बताया कि भदभदा के पास सेंट्रो कार से जा रहा था। इसी दौरान एक लड़की ने उससे लिफ्ट ली। आगे सुनसान इलाके में पहुंचने पर एक कार ने उसे रोक लिया। उस कार से उतरे लड़कों ने लिफ्ट लेने वाली लड़की से छेड़छाड़ किए जाने के आरोप लगाते हुए उसके साथ मारपीट की और उसकी गाड़ी छीनकर ले गए। इस दौरान अज्ञात बदमाशों ने उसका अपहरण करने का प्रयास किया। किसी तरह उसने बदमाशों के चंगुल से बचकर पुलिस में शिकायत की।

लूटी गाड़ी लावारिस छोड़ी
शिकायत मिलने के बाद रातीबड़ पुलिस ने शहर के सभी थानों को घटना के संबंध मे सूचित किया। पुलिस की चार्ली, एफआरव्ही, चैकिंग पाईंट, भ्रमण कर रहे पुलिस कर्मियों को देख बदमाश हबीबगंज मस्जिद गोविंदपुरा के पास गाड़ी को लावारिस हालत मे छोड़ कर भाग गए। थाना रातीबड़ पुलिस द्वारा विवेचना के दौरान थाना श्यामला हिल्स, टीटी नगर, कमला नगर, रातीबड़, कोलार, चूनाभट्टी, हबीबगंज, बागसेवनिया, क्राईम ब्रांच के थाना प्रभारी ने आरोपियों की तलाश शुरू की।

घूमती मिली लेडी डॉन
पुलिस ने नेहरू नगर चौराहे पर शिकार की तलाश में घूम रही लिफ्ट लेडी डॉन को धर दबोचा। उसकी पहचान नेहरू नगर में रहने वाली 21 वर्षीय अंजली के रूप में हुई। अंजली के पकड़े जाने के बाद पूछताछ में उसके 5 साथियों के बारे में पता चला। पुलिस ने उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया है।तरीका-ए-वारदातलेडी डॉन अंजली ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह अपने शिकार को कही अंधेरे में खड़े होकर राह चलते फोर व्हीलर वाहन को रोककर किसी परेशानी का बहाना बनाकर कुछ दूर छोड़ने का बोलती और अपनी अदाओं में उसे फंसा लेती। इसके बाद कुछ दूर चलने पर अंधेरे व सुनसान स्थान पर पहले से मौजूद उसके अन्य साथियों गाड़ी को घेरकर उस लिफ्ट देने वाले युवक से मारपीट करते और उसे बदनाम करने की धमकी देकर पैसे ऐंठ लेते थे। गूगल पर विभिन्न प्रकार की साईट्स ओपन हो जाती थी। कालर से आॅनलाइन पेमेंट कराकर उनको धमकाया जाता था। ब्लॉक भी कर दिया जाता था। लोक लाज के डर से कोई भी व्यक्ति हमारी शिकायत पुलिस में नहीं करता था।कहां से आया आइडियाडॉन अंजली ने बताया कि उसे यह क्राइम पेट्रोल सीरियल से ब्लैकमेलिंग और लूट करने का आइडिया आया। इसके लिए वह 23 वर्षीय आकाश लोधी, 28 वर्षीय दीपक सिंह विष्ट, 19 वर्षीय रितिक रैकवार, 25 वर्षीय प्रिंस मालवीय और आकाश पंवार के साथ मिलकर वारदातों को अंजाम दे रही थी। सभी आरोपी भोपाल के रहने वाले हैं। गैंग अब तक भोपाल में ही 100 से ज्यादा लोगों को अपनाशिकार बना चुकी है।बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर बनाया गैंगअंजली नेहरू नगर में रहती है। उसके पिता की मौत हो चुकी है। करीब 16 साल की उम्र से वह अपने बॉयफ्रेंड के साथ रह रही है। पास में ही उसकी मां और भाई रहता है। उसने अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर यह गिरोह बनाया था। सोशल मीडिया से