रोजमर्रा के काम में व्यस्त था फोन आया कि सीएम आवास जाना है, मंत्री दानिश आजाद की जुबानी

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योगी आदित्यनाथ सरकार में मुस्लिम समाज से एकलौते राज्यमंत्री दानिश आजाद ने बताया कि उन्हें कैसे पता चला कि उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिली है।

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रोजमर्रा के काम में व्यस्त था फोन आया कि सीएम आवास जाना है, मंत्री दानिश आजाद की जुबानी

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार दो का शपथ ग्रहण हो गया है। इसमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम राज्य मंत्री दानिश आजाद का है। इस बार मोहसिन रजा की छुट्टी कर उनकी जगह दानिश को मौका मिला है।

उनका कहना है कि मुसलमानों, नौजावनों की तरक्की के लिए योगी सरकार में और तेजी से काम किया जाएगा।पूर्वांचल के बलिया के रहने वाले दानिश ने यहीं से बारहवीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक किया। इसके बाद वह यहीं से उन्होंने मॉस्टर ऑफ क्वालिटी मैनेजमेंट और मॉस्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई पूरी की। इसी दौरान दानिश आरएसएस के छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गये। वह इस संगठन से 2011 से जुड़े और तामम कार्यक्रमों का हिस्सा भी रहे।

दानिष आजाद ने बताया कि उन्हें पता ही नहीं था कि वह सरकार में मंत्री बनने जा रहे हैं। शुक्रवार को रोजमर्रा के कामों में व्यस्त थे, आचानक से फोन आया कि उन्हें मुख्यमंत्री आवास जाना है। उनके लिए बिल्कुल अप्रत्याशित था। दानिश ने कहा भाजपा ऐसी राष्ट्रवादी पार्टी है जो मुझ जैसे साधारण कार्यकर्ता को अच्छे मुकाम तक पहुंचा सकती है। भाजपा को हर छोटे-बड़े कार्यकर्ता की कद्र करनी आती है। मुझे जो भी काम मिलेगा उसे पूरी ईमानदारी के साथ करूंगा।दानिश ने कहा कि पिछली सरकार ने मुसलमानों को महज एक वोट बैंक के तरीके से इस्तेमाल किया है। जब से मोदी और योगी सरकार आयी है तब से इनकी तरक्की का रास्ता खुला है। आने वाले समय में मुस्लिमों नौजवानों को तरक्की के रास्ते पर और तेजी से जोड़ा जाएगा। सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं से उन्हें जोड़ा जाएगा।

दानिश आजाद के साथ संघर्षों के साथी रहे भाजपा युवा मोर्चा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष डा. विवेक सिंह मोनू कहते हैं कि भाजपा जैसे राष्ट्रवादी संगठन गरीबों और छोटे-छोट कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने का काम करता है। दानिष आजाद 2011 से एबीवीपी से जुड़े इन्होंने तमाम आन्दोलनों और रचानात्मक कार्यक्रमों में भाग लिया। वह हर मुद्दे पर खुलकर बोलते थे।उनकी राय सुनी जाती थी। उन्होंने मुसलमान युवाओं के बीच राष्ट्रवादी विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए खूब प्रयास किये हैं। उन्हें पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश महामंत्री भी बनाया गया था।मोनू बताते हैं कि महामंत्री बनने के बाद दानिश ने पूरब से लेकर पश्चिम तक पार्टी से मुस्लिमों को जोड़ने का भरपूर काम किया हैं, उन्होंने चुनाव दौरान मोदी और योगी सरकार की योजनाओं और उपलब्धि के बारे में लोगों को खूब बता रहे थे।

योगी सरकार में मोहसिन रजा की जगह मंत्री बने दानिश आजाद अंसारी केवल मुस्लिम चेहरा नहीं हैं, बल्कि पिछड़े मुस्लिम समाज से हैं जो एक अर्से से अपनी हक की आवाज उठा रहा है।दानिश उन चेहरों में हैं, जो पार्टी के लिए मेहनत करते रहे हैं।2017 में इसका पहला इनाम भी उन्हें मिला। तब दानिश को उर्दू भाषा समिति का सदस्य बनाया गया। दानिश 2018 में फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी के सदस्य रहे। 2022 चुनाव से पहले अक्टूबर 2021 में दानिश को बड़ी जिम्मेदारी मिल गई। भाजपा ने अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री पद की जिम्मेदारी दे दी। अब उन्हें योगी सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया है।

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