इसने 2005 में गंवा दिए थे दोनों हाथ, पुलिस ने लगाया पत्थरबाजी का आरोप; बुलडोजर कार्ऱवाई में तोड़ी दुकान

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मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के दिन निकाली जा रही शोभायात्रा पर हुए पथराव के बाद पुलिस  ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किए. इस हिंसा के बाद से राज्य सरकार ने भी ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए और आरोपियों की अवैध जमीन पर बनी संपत्ति पर बुलडोजर चलाए, लेकिन इन सब के बीच एक ऐसा मामला सामने आ रहा है जिसके बाद पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल दावा है कि पुलिस ने हिंसा और पत्थरबाजी का आरोपी बताकर वसीम शेख की दुकान पर बुलडोजर चला दिया था. इस कार्रवाई के बाद अब वसीम सामने आए हैं और उन्होंने इसके पीछे की वास्तविकता बताई है.

हैरानी की बात है कि वसीम शेख के दोनों हाथ नहीं हैं और वह अपनी छोटी सी दुकान से किसी तरह अपना गुजारा करते थे. लेकिन प्रशासन ने उन्हें हिंसा और पथराव का आरोपी बताकर उनके खिलाफ यह कार्रवाई की है.

असदुद्दीन ओवैसी ने साधा बीजेपी सरकार पर निशाना

AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वसीम शेख की फोटो ट्वीट करते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘बीजेपी की हिन्दुत्व विचारधारा में इंसानियत के लिए कोई जगह नहीं है. यह राज्य सरकार के कानून के हथियार हैं जिन्हें काट दिया गया है. गरीब लोगों को गरीब और बेघर बनाकर वह अपनी ताकत दिखाता है. इन पर मुस्लिम समुदाय को सामूहिक तौर पर सजा देने की सनक सवार है.’

‘पानी तक पीने के लिए तो दूसरों पर निर्भर हूं’

पुलिस की कार्रवाई के बाद वसीम शेख ने कहा कि वह तो पानी पीने तक के लिए दूसरों पर निर्भर हैं तो दंगाई कैसे हो सकते हैं. वसीम ने कहा कि 2005 में मुझे करंट लग गया था. इस वजह से मेरे दोनों हाथ काटने पड़े. अवैध निर्माण गिराने पर शेख ने कहा कि अगर मेरी दुकान अवैध कब्जे पर भी बनी थी तो पुलिस को कार्रवाई से पहले नोटिस देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि अगर पुलिस पहले से जानकारी देती तो मेरी रोजी-रोटी का सहारा बच सकता था. वसीम शेख के परिवार में उनके दो छोटे बच्चों समेत 5 लोग हैं. बता दें क वसीम शेख के साथ हुई घटना को न सिर्फ ओवैसी बल्कि विपक्ष के अन्य नेताओं ने भी सोशल मीडिया के जरिए उठाया है और न्याय की मांग की है.