सीकर जिले में स्थित हसामपुर गांव में स्थित प्राचीन पहाड़ी वाली मनसा माता का मंदिर यहां भक्तों की होती हैं मुरादे पुरी।

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राजस्थान के सीकर जिले के पाटन निकटवर्ती ग्राम पंचायत हसामपुर की पहडी पर स्थित मनसा माता के मंदिर में शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन प्रातकाल माता जी का पंचामृत अभिषेक किया गया प्रातः 6.21बजे घट स्थापना की गई।
बताते चलें कि इस मंदिर का इतिहास तंवरावाटी के इतिहास के अनुसार यहा मंदिर दसवीं ग्यारहवीं सदी का प्राचीन मंदिर बताया गया है यहां माता जी के तीन पिंडी रूप में भक्तों को दर्शन होते हैं भक्तों का विश्वास है कि यहां मन्नत मांगने से हर मुराद पूरी होती है वही शारदीय नवरात्रि व बसंत नवरात्रि में प्रतिपदा से नवमी तक दूर दराज से हजारों भक्तगण आकर माता के गठ जोड़ा,जडूला की जात लगाकर माता से मन्नत मांगते हैं वही नवरात्रि के नौ दिनों तक भक्तों का तांता लगा रहता है दोनों ही नवरात्रि में अष्टमी को जागरण व नवमी को भण्डार का आयोजन किया जाता है।
इधर इस मंदिर महन्त केशव भारद्वाज ने बताया कि देवी भागवत व विष्णु पुराण में मनसा देवी का नाग कन्या के रूप में विवरण दिया गया है नाग पंचमी व नवरात्रि में मंदिर में पूजा अर्चना की जाती है।शारदीय नवरात्र सोमवार से शुरु हुए तथा शुभ मुहूर्त में माता की घर घर में घट स्थापना हुई है इसके साथ ही कस्बे के मंन्दिरो में व दुर्गा चौक में भी घट स्थापना सम्पन्न हुआ उन्होंने बताया कि दुर्गा चौक में दुर्गा मंडल के युवकों द्वारा विगत 10 बर्षो से घट स्थापना की जा रही हैं तथा अष्टमी के दिन माता की झांकी व रात्रि जागरण करवाया जाता हैं। संपादक ब्यूरो विनोद कुमार अग्रवाल