कांग्रेस में नेता विपक्ष की कुर्सी पर जंग शुरू
- उत्तराखंड में भले ही कांग्रेस सरकार ना बना पाई हो , भले ही मुख्यमंत्री की कुर्सी तक हरीश रावत ना पहुंच पाए , और भले ही प्रीतम सिंह किंग मेकर न साबित हो पाए हो , लेकिन विपक्ष की कुर्सी पर अब कांग्रेसी दिग्गजों की नजर टिक गई है।
Uttarakhand Congress प्रदेश की चौथी विधानसभा भंग
- Uttarakhand congress जाने क्या वजह है कि उत्तराखंड में हार के बाद भी कांग्रेस के अंदर की गुटबाजी और आपसी खींचतान का कोई अंत होता नजर नहीं आ रहा है। यानी राजनीतिक चाणक्य जो कहते हैं वह अक्षरशह सत्य वचन साबित हो रहा है, की पहाड़ में कांग्रेस को कांग्रेस ही हमेशा हराती है ।
- मतलब Uttarakhand Congress के नेता ही कांग्रेस के साथी नेता के राजनैतिक दुश्मन हैं। अभी हार के गम से कांग्रेस बाहर भी नहीं निकली थी कि नेता विपक्ष के नाम पर अब दावेदारों की कतार सामने नजर आने लगी है। प्रीतम खेमा जहां इस कुर्सी पर अपनी पकड़ को मजबूत बनाना चाहता है तो वही हरीश रावत जी अब कोई मुरव्वत करने के मूड में नहीं है।
- उत्तराखंड में गठित होने जा रही पांचवीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तय करने की राह भी Uttarakhand Congress के लिए आसान नहीं रहने वाली है। निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का इस पद पर दावा स्वाभाविक रूप से मजबूत है, लेकिन हार के बाद पार्टी में मचे घमासान के बीच इस पद के लिए भी नए दावेदार सामने आने लगे हैं। इसे प्रीतम सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के गुटों में बढ़ती खींचतान के परिणाम के रूप में देखा जा रहा है। रावत के खास समर्थकों में शुमार धारचूला से नवनिर्वाचित विधायक हरीश धामी ने इस पद पर अपनी दावेदारी ठोक दी है।
- Uttarakhand congress
Uttarakhand Congress प्रदेश की चौथी विधानसभा भंग
- 10 मार्च को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद प्रदेश की चौथी विधानसभा भंग हो चुकी है। अब पांचवीं विधानसभा के गठन की कसरत चल रही है। Uttarakhand Congress नई विधानसभा के लिए नेता प्रतिपक्ष का चयन भी होना है। प्रमुख प्रतिपक्षी दल कांग्रेस के 19 सदस्य इस बार विधानसभा पहुंचे हैं। विधानसभा में दूसरी पार्टी बसपा है
Uttarakhand Congress कैबिनेट मंत्री रह चुके अनुभवी नेता हैं प्रीतम
- नेता प्रतिपक्ष का पद कांग्रेस को ही मिलना है। इस पद पर निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह पार्टी के भीतर सबसे मजबूत दावेदार हैं। प्रीतम छठी बार चकराता विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए हैं। राज्य बनने के बाद से अब तक एक भी चुनाव नहीं हारे प्रीतम सिंह पिछली दोनों कांग्रेस सरकारों में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
हरीश रावत और प्रीतम सिंह का uttarakhand Congress में प्रभाव
- Uttarakhand congress कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता यानी नेता प्रतिपक्ष पद पर प्रीतम के स्वाभाविक दावे को पार्टी के भीतर ही चुनौती भी मिल रही है। दरअसल प्रीतम सिंह कांग्रेस की हार के लिए टिकटों के वितरण और कटौती पर सवाल खड़े कर चुके हैं। उन्होंने पांच वर्ष तक विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय व्यक्ति को ही वहां टिकट दिए जाने की बात कही, साथ में हार को लेकर होने वाले मंथन पर इन बिंदुओं पर खुलकर चर्चा के संकेत भी दिए।
- जिस तरह से बीते कुछ दिनों से पार्टी के अंदर ही हरीश रावत के खिलाफ आग उगलने वाले बयान दिए जा रहे हैं और उन पर टिकट बेचने तक का आरोप लगा दिया गया है , उस से आहत हरीश रावत अब आक्रामक तेवर अपनाकर सोशल मीडिया में लगातार अपने दर्द को बयां कर रहे हैं। हालांकि अंदर खाने यह भी खबर है कि Uttarakhand congress हरीश रावत ने दिल्ली जाकर आलाकमान को सारी स्थिति भी बता दी है और इशारा कर दिया है कि अगर पहाड़ में पंजे को मजबूत करना है तो नेताओं के इन बयानबाजी और आपसी गुटबाजी के खेल को खत्म करना ही होगा।
- Uttarakhand congress ऐसे में सबसे पहले सोनिया गांधी ने जिस तरह से गणेश गोदियाल से प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी वापस ले ली है। तो उम्मीद की जानी चाहिए कि अब जो भी नया प्रदेश अध्यक्ष बनेगा उसके लिए कांटों भरा ताज ही साबित होने वाला है। लेकिन यह ताज किसके सिर सजेगा यह कोई नहीं जानता है।
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