मध्य प्रदेश के डॉक्टर हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी में छात्रा ने बुरके में की नमाज अदा, हिंदू जागरण मंच ने जताया विरोध, मामले में जांच के आदेश

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भोपाल:मध्य प्रदेश के एक यूनिवर्सिटी में मुस्लिम छात्रा द्वारा बुरके में नमाज अदा करने के एक कथित वीडियो ने अच्छाखासा विवाद खड़ा कर दिया है। सोशल मीडिया साझा किये जा रहे इस वीडियो को सागर के डॉक्टर हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी की एक कक्षा का बताया जा रहा है। वीडियो में एक छात्रा को बुरके में नमाज अदा करते हुए दिखाया गया है।

जानकारी के मुताबिक दक्षिणपंथी समूह हिंदू जागरण मंच ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से इस वीडियो की जांच करके छात्रा के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की है। जिसके जवाब में यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया है कि वो संबंध शिकायत में जांच कर रहे हैं और अगर इस तरह की कोई बात सामने आती है तो यूनिवर्सिटी कानूनी पहलूओं को ध्यान में रखते हुए एक्शन
घटना के संबंध में बात करती हुई यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर नीलिमा गुप्ता ने कहा, “इसकी जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राओं से कहा गया है कि वे पूजा-पाठ जैसी चीजें अपने घर में करें क्योंकि यूनिवर्सिटी केवल शिक्षा के लिए है।”

समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार संतोष सहगौरा ने कहा कि उनके पास इस संबंध में एक वीडियो क्लिप आया है, जिसमें एक मुस्लिम छात्रा बुरके में नमाज अदा करती हुई दिखाई दे रही है।”

रजिस्ट्रार सहगौरा ने कहा, “शिकायत के संबंध में यूनिवर्सिटी ने एक पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है, जो मामले की जांच करके तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और उस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।”

यूनिवर्सिटी के जन संपर्क अधिकारी विवेक जायसवाल ने कहा कि यूनिवर्लिटी कैंपस छात्र-छात्राओं के लिए कोई औपचारिक ड्रेस कोड नहीं है, लेकिन उन्हें “भारती पारंपरिक पोशाक” में कक्षाओं में भाग लेना चाहिए।
यूनिवर्सिटी प्रशासन के इतर मामले में हिंदू जागरण मंच की सागर इकाई के प्रमुख उमेश सराफ ने आरोप लगाया कि वीडियो में दिख रही छात्रा लंबे समय से बुरका पहनकर कक्षा में पढ़ने के लिए जा रही है।

सराफ ने कहा, “शैक्षणिक संस्थानों में इस तरह की धार्मिक गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। वह लंबे समय से हिजाब में आ रही हैं, लेकिन उन्हें शुक्रवार दोपहर कक्षा के अंदर नमाज अदा करते देखा गया। यह आपत्तिजनक है क्योंकि शैक्षणिक संस्थान हर धर्म के लिए एक जगह हैं।”

उन्होंने कहा, “वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार को हमारी ओर से इस मामले में शिकायत दी गई है।” सराफ ने अपनी शिकायत में 15 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट के उस फैसले का भी हवाला दिया है, जिसमें कोर्ट ने कक्षाओं के भीतर छात्राओं को बुरका पहनने की अनुमति देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने फैसले में बुरका पर लगे प्रतिबंध को सही ठहराते हुए कहा कि बुरका इस्लाम के लिए आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है। इसके साथ ही कोर्ट ने कॉलेज कैंपस में किसी भीा तरह के धार्मिक प्रदर्शन की अनुमति देने से स्पष्ट मना कर दिया था।

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