अप्रैल में देवगुरु बृहस्पति और दैत्यगुरु शुक्र की अहम युति, जानिये इनके संयोग से किसको मिलेगा लाभ

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अप्रैल में देवगुरु बृहस्पति और दैत्यगुरु शुक्र की अहम युति, जानिये इनके संयोग से किसको मिलेगा लाभ
गुरु और शुक्र दोनों शुभ ग्रह माने जाते हैं और अगर दोनों साथ मिल जाएं, तो शुभ फलों की प्राप्ति का विशेष योग बनता है।

ज्योतिष में दो ग्रहों को सबसे ज्यादा शुभ और अच्छे फल देनेवाला बताया गया है। ये हैं देवताओं के गुरु बृहस्पति और दैत्यों के गुरु शुक्र। अगर इन दोनों का किसी प्रकार संबंध हो भाग्य चमक जाता है। अप्रैल के महीने में मीन राशि में दो प्रमुख ग्रह अर्थात गुरु बृहस्पति और शुक्र ग्रह की युति होने वाली है। ज्योतिष में ग्रहों की युति का मतलब है, जब दो या दो से अधिक ग्रह एक साथ किसी राशि या फिर किसी भाव में हों। ज्योतिष में बृहस्पति और शुक्र ग्रह इन दोनों ही ग्रहों को बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है। साथ ही इन दोनों ग्रह का आपस में एक बेहद ही अनोखा रिश्ता भी है।

गुरु-शुक्र के संबंध

गुरु और शुक्र यूँ तो अपने आप में शुभ ग्रह माने जाते हैं लेकिन आपस में दोनों ग्रहों की शत्रुता है।इनके बीच और भी कई असमानताएं हैं। जहां बृहस्पति को पुरुष ग्रह की उपाधि दी गई है, वहीं शुक्र एक स्त्री ग्रह है। जहां एक तरफ बृहस्पति को भगवान विष्णु का स्वरूप माना गया है वहीं शुक्र ग्रह को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। शुक्र ग्रह को सांसारिक सुख सुविधा, भोग विलास, का कारक माना गया है, तो बृहस्पति ग्रह को पारलौकिक और सांसारिक सुख का कारक माना जाता है।

इनकी युति से क्या पड़ेगा असर

13 अप्रैल, 2022 को 12 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद देवगुरु बृहस्पति अपनी राशि मीन में प्रवेश कर चुके हैं। वहीं 27 अप्रैल, 2022 को शुक्र ग्रह भी मीन राशि में प्रवेश करते हुए गुरु बृहस्पति के साथ युति में आ जायेंगे। ऐसे में इन दोनों ही ग्रहों की मीन राशि में युति कई मायनों में बेहद ही ख़ास और अनोखी रहने वाली है। खास बात ये है कि मीन गुरु बृहस्पति की राशि मानी जाती है और अपनी स्वराशि में गुरु बृहस्पति काफी बलवान होंगे।

मीन राशि को विशेष लाभ

12 वर्षों बाद स्वराशि में गुरु बृहस्पति का गोचर मीन जातकों के लिए बेहद ही शुभ और भाग्य में वृद्धि करने वाला साबित होगा। आर्थिक पक्ष के संदर्भ में भी गुरु-शुक्र की युति शानदार परिणाम देती है। मीन राशि के जातकों के आत्म विश्वास में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में भी शानदार परिणाम प्राप्त होंगे। इसके अलावा शुक्र ग्रह के मीन में गोचर से मीन जातकों की आर्थिक स्थिति काफी मज़बूत बनेगी, जिसका लंबे समय में लाभ प्राप्त होगा। गुरु और शुक्र की युति से जातकों के ज्ञान और तर्क शक्ति में शानदार बढ़ोतरी होगी।

कर्क राशि

इस राशि के नवम भाव में गुरु और शुक्र का गोचर हो रहा है। वहीं गुरु की नवम दृष्टि भी कर्क राशि पर पड़ रही है। ऐसे में यह अवधि आपके भाग्य को प्रबल बनायेगी। नौकरी में परिवर्तन, नया व्यवसाय शुरु करना या निवेश के लिए ये शुभ समय साबित हो सकता है। गुरु और शुक्र की कृपा से आपके लिए लाभ के योग बन रहे हैं। अगर आपका लग्नेश गुरु, शुक्र या चंद्र है, तो ये स्थिति आपको लिए विशेष रुप से फलदायी होगी।

कन्या राशि

इस राशि पर गुरु-शुक्र की सप्तम दृष्टि है। अगर आपकी कुंडली में गुरु-शुक्र, शुभ स्थानों पर हैं, बली हैं, तो आपके लिए अनुकूल स्थिति बन रही है। आपके प्रेम संबंधों में आपको विशेष सफलता मिलेगी और दांपत्य जीवन में खुशहाली आ सकती है। गुरुओं के प्रभाव से आपकी पत्नी का स्वभाव गंभीर और समझदारी भरा होगा। इस दौरान आपकी पत्नी को नौकरी या आमदनी भी हो सकती है। इस अवधि में पत्नी की सलाह पर अवश्य ध्यान दें, आपको भौतिक और आध्यात्मिक, दोनों तरह का लाभ मिलेगा।

वृश्चिक राशि

इस राशि पर गुरु की नवम दृष्टि है। साथ ही आपके पंचम भाव में गोचर करने की वजह से आपको शिक्षा और प्रतियोगिता परीक्षाओं में विशेष लाभ मिलेगा। इस राशि के जातक अगर प्रतियोगिता परीक्षा दे रहे हैं, तो उन्हें कामयाबी मिलने की अच्छी संभावना है। संतान पक्ष से भी आपको फायदा मिलेगा। हो सकता है संतान से आपको आय या वाहन प्राप्त हो। शिक्षा या ज्ञान प्राप्ति के लिए भी आपकी विशेष रुचि रहेगी।

मकर राशि

इस राशि के दूसरे यानी आय भाव में गुरु और शुक्र की युति बन रही है। ऐसे में आपको अपने रोजगार या व्यवसाय में मुनाफा होगा और कई स्रोतों से कमाई होगी। मोटे तौर पर इसे बचत से जोड़ा जाता है, यानी आप इस अवधि में अपना बैंक बैलेंस बढ़ता हुआ पाएंगे। जिनकी कुंडली में गुरु या शुक्र लग्नेश हैं, या शुभ भावों के स्वामी हैं, उनके लिए विशेष तौर पर लाभदायक स्थिति रहेगी।