चाहते हैं भगवान शिव की कृपा तो रखें सोम प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

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हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि इस बार 28 फरवरी को पड़ रही है। इस दिन प्रदोष व्रत रखा जाएगा। यह तिथि सोमवार को पड़ने के कारण यह व्रत सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। इस दिन सच्चे मन से शिव परिवार की पूजा करने से हर परेशानी दूर होती है।

पूजा करने का संकल्प लें
प्रदोष व्रत के दिन सुबह- सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़ पहनें। इसके बाद भगवान शिव की पूजा करने का संकल्प लें। इसके बाद घर के पूजा स्थल को साफ कर गंगाल छिड़के। अब भगवान शिव की मूर्ति या फोटो स्थापित करें। फिर भगवान के सामने घी का दीपक का जलाएं। भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि का अभिषेक करें।


प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक सोमवार 28 फरवरी 2022 को प्रदोष पूजा का मुहूर्त शाम 06 बजकर 20 मिनट से से रात 08 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। वहीं इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 02 मिनट से शुरू होगा, जो अगले दिन मंगलवार, 1 मार्च की सुबह 5 बजकर 19 मिनट तक रहेगा।

प्रदोष काल में करें संध्या पूजा
अगर आप व्रत रखते हैं तो शाम के समय में प्रदोष काल में भोलानाथ और माता पार्वती की पूजा करने से आपके घर में सुख- समृद्धि बनी रहती है। इस दिन सात्विक भोजन करें। भोलेनाथ का अधिक से अधिक ध्यान करें। इस दिन शिवाष्टक और चालीस पढ़ना लाभदायक होता है। भोलनाथ की विधि- विधान से पूजा करने के बाद माता पार्वती और गणेश जी की पूजा अर्चना करें। इस दिन भगवान शिव को खीर का भोग चढ़ाएं।

पूजा का शुभ मुहूर्त
शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 20 अगस्त, शुक्रवार को रखा जाएगा। प्रदोष के दिन विधि विधान से भगवान शिव के साथ देवी पार्वती का पूजन किया जाता है। प्रदोष काल सूर्यास्त के 45 मिनट पहले से 45 मिनट बाद तक माना जाता है।

प्रदोष व्रत महत्व
प्रदोष व्रत के दिन व्रत रखने से घर में सुख- समृद्धि बनी रहती है। इस दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। मान्यता है कि भोलनाथ अपने भक्तों से सबसे जल्दी प्रसन्न होते हैं। धार्मिक मान्यता है कि सावन में प्रदोष व्रत रखने और कामेश्वर शिव का पूजन करने से उत्तम रूप पारिवारिक संतोष रहता है और जीवनसाथी का भी सुख प्राप्त होता है।