दो पहिया वाहन में बच्चों को बैठाते है तो हो जाइए सावधान,

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भारत में सड़क सुरक्षा नियमों की अवहेलना करना एक आदत सी बन गई है। दो पहिया वाहन में भी लोग एक कार के जितने लोगों को बैठा कर ले जाते हैं, जिसमें बच्चे से लेकर बड़े तक शामिल होते हैं। ऐसा करने से वह खुद की जान तो जोखिम में डालते ही हैं साथ ही बच्चों की जान को भी जोखिम में डालते हैं। अब इसको लेकर सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के द्वारा एक बड़ा फैसला लिया गया है, चलिए जानते हैं क्या है यह नियम।सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के द्वारा बड़ा फैसला लेते हुए दो पहिया वाहन की सवारी के दौरान कम उम्र के बच्चों के लिए सुरक्षा इंतजामों को सुनिश्चित करने के लिए नए नियम जारी किए गए हैं। मंत्रालय के द्वारा बताया गया है कि अगर 4 साल से कम उम्र का बच्चा बाइक में बैठा है, तो अधिकतम रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटा ही रहनी चाहिए।इसके साथ ही अब बच्चों के लिए बेल्ट था प्रेस हेलमेट भी अनिवार्य कर दिया गया है।


सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के द्वारा बड़ा फैसला लेते हुए दो पहिया वाहन की सवारी के दौरान कम उम्र के बच्चों के लिए सुरक्षा इंतजामों को सुनिश्चित करने के लिए नए नियम जारी किए गए हैं। मंत्रालय के द्वारा बताया गया है कि अगर 4 साल से कम उम्र का बच्चा बाइक में बैठा है, तो अधिकतम रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटा ही रहनी चाहिए।इसके साथ ही अब बच्चों के लिए बेल्ट था प्रेस हेलमेट भी अनिवार्य कर दिया गया है।t

सरकार के द्वारा 4 साल से कम उम्र के बच्चों को बाइक में बैठाने के लिए सेफ्टी हार्नेस का इस्तेमाल करना भी जरूरी कर दिया गया है। आपको बता दें कि सेफ्टी हार्नेस एक प्रकार की बनियान होती है, जो ड्राइवर और बच्चों को जोड़ती है। जिससे वह सुरक्षित रहते हैं, इससे सड़क हादसे में भी बच्चों के दूर छटकने का डर कम हो जाता है।