चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं तो पहले पढ़ लें ये नियम

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चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने यात्रा के नियमों में कुछ बदलाव किया है। अगर आप भी चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं, तो इन नियमों का पालन करना जरूरी है। बगैर नियम जाने यात्रा पर दिक्कतें हो सकती हैं।


ये हुए बदलाव
यात्रियों के अनिवार्य पंजीकरण को लेकर राज्य सरकार सख्त हो गई है। बिना पंजीकरण कोई यात्री चारधाम यात्रा पर नहीं आ पाएगा।


उत्तराखंडवासियों पर भी यह व्यवस्था लागू है। पंजीकरण की जांच यात्रा मार्ग पर जगह-जगह जांच और पुलिस चौकियों पर की जाएगी। यात्रा से पहले अपना पंजीकरण पर जरूर करवाएं।


वर्तमान में चारधाम यात्रा मार्ग के 18 स्थानों पर आफलाइन व आनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है।


यात्रियों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत सरकार ने चारों धामों के लिए प्रतिदिन दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में एक-एक हजार की वृद्धि कर दी है। यह नया आदेश मंगलवार को जारी किया गया है।


सरकार ने 30 अप्रैल को आदेश जारी कर चारों धामों में प्रतिदिन दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तय की थी। बदरीनाथ में 15000, केदारनाथ में 12000, गंगोत्री में 7000 और यमुनोत्री में 4000 दर्शनार्थियों की संख्या तय की गई थी। अब यह संख्या बढ़कर क्रमशरू 16000, 13000, 8000 और 4000 कर दी गई है।


केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं के दर्शन करने के समय में पांच घंटे की बढ़ोतरी की गई है। अब सुबह चार से दोपहर तीन बजे और फिर चार बजे से रात 10ः30 बजे तक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर सकेंगे।


यात्रा के शुरुआती दिनों में ही 22 तीर्थयात्रियों की मौत के बाद व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं, जिसे लेकर स्वास्थ्य महकमे ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की है।

वरिष्ठ नागरिक, कोमर्बिडिटी (एक से अधिक बीमारियों से ग्रसित) अथवा कोविड से प्रभावित यात्रियों को यात्रा शुरू करने से पूर्व नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराए जाने को कहा गया है। सुगम और सुरक्षित यात्रा के लिए यात्री एहतियात बरतने की सलाव दी गई है।