गाजियाबाद एसएसपी सस्पेंड : क्या सत्ता पक्ष से टकराव पड़ा भारी, क्राइम कंट्रोल में भी नाकामी

खबर शेयर करें

Ghaziabad SSP suspended: Did the conflict with the ruling party heavy

नई दिल्ली/टीम डिजीटल। उत्तर प्रदेश शासन ने वीरवार को गाजियाबाद जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पवन कुमार को सस्पेंड कर दिया। अपराध नियंत्रित न होना व काम के प्रति लापरवाही को सस्पेंशन कार्रवाई का कारण बताया जा रहा है। योगी सरकार 2.0 में शासन स्तर से गाजियाबाद में यह पहली बड़ी कार्रवाई है।

योगी 2.0 में पहली बड़ी कार्रवाई
इस बीच सरकारी और सियासी गलियारों में इस मसले पर चर्चाओं का बाजार गरम है। चर्चा है कि बढ़ते अपराधों के अलावा सत्ता पक्ष से टकराव आईपीएस अधिकारी पवन कुमार को भारी पड़ गया है। पिछले करीब 7 माह के कार्यकाल में एसएसपी कुमार का सत्ता पक्ष से कुछ मुद्दों पर सीधे टकराव देखने को मिला था। 

अपराध नियंत्रण की रणनीति फेल
भाजपा सांसद, विधायक के अलावा आरएसएस कार्यकर्ताओं और हिंदुवादी संगठनों ने पुलिस कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। एसएसपी पवन कुमार को सस्पेंड करने की देर शाम सूचना मिलने पर महकमे में एकाएक हड़कंप मच गया। इस कार्रवाई के पीछे ऑफ द रिकॉर्ड कई कारण बताए जा रहे हैं। 

दिनदहाड़े हुई 25 लाख की लूट
सच्चाई यह भी है कि विधान सभा चुनाव से पहले और बाद में जिले में खासकर लूटपाट की वारदातों में उछाल आ गया। आए दिन लूट की वारदात होने से आमजन और व्यापारियों में दहशत का आलम कायम है। अपराध नियंत्रण में एसएसपी की रणनीति कामयाब नहीं हो पा रही थी।

अखिलेश यादव ने कसा था तंज
पेट्रोप पंप के कर्मचारियों से दिनदहाड़े 25 लाख रुपए की लूट होने के बाद नेता प्रतिपक्ष एवं सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर योगी सरकार पर तंज कसा था। इसके अतिरिक्त कुछ ऐसे मामले रहे, जब एसएसपी की सत्ता पक्ष के साथ तनातनी देखने को मिली। 

भाजपा-आरएसएस नेताओं से तनातनी
कुछ माह पहले लोनी इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी को सस्पेंड कर दिए जाने पर विधायक नंदकिशोर गुर्जर पर आपत्ति जाहिर की थी। इंस्पेक्टर त्यागी ने पुलिस मुठभेड़ के उपरांत कुछ गो तस्करों की गिरफ्तारी की थी। उनके सस्पेंशन ने इस कदर तूल पकड़ा था कि विधायक गुर्जर ने एसएसपी पवन कुमार को गो तस्करों का संरक्षक बता दिया था। 

सांसद-विधायक ने खोला मोर्चा
साथ ही शासन से शिकायत कर दी थी। दूसरा मामला विगत 10 मार्च को अनाज मंडी गोविंदपुरम के बाहर का था। मतगणना केंद्र के बाहर राज्यसभा सदस्य अनिल अग्रवाल, मेयर आशा शर्मा व भाजपा के महानगराध्यक्ष संजीव शर्मा की पुलिस के कुछ अधिकारियों से झड़प हो गई थी। 

खुला पत्र जारी कर लगाए आरोप
इस घटना के पश्चात सांसद, मेयर और महानगराध्यक्ष ने पुलिस के खिलाफ खुला पत्र जाहिर कर प्रकरण की शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ से करने की बात कही थी। तीसरा मामला इंदिरापुरम थाना क्षेत्र का है। वहां आरएसएस कार्यकर्ता द्वारा अधिवक्ता के विरूद्ध धारा-307 के तहत मामला दर्ज कराया गया था, मगर पुलिस ने यह धारा हटा दी थी। 

7 माह का कार्यकाल, अक्सर विवाद
बाद में भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं ने एसएसपी से मुलाकात कर विरोध जाहिर किया था। बताया जाता है कि उस दौरान सत्ता पक्ष के नेताओं की एसएसपी से खासी बहस तक हो गई थी। ताजा मामला वीरवार को राजनगर एक्सटेंशन का सामना आया। 

More News Updates