मुखानी के पूर्व थानाध्यक्ष दीपक बिष्ट निलंबित, जांच अधिकारी ने हाईकोर्ट को बताया, एसएसपी ने की पुष्टि

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हल्द्वानी के एक पूर्व थानाध्यक्ष पर दुष्कर्म पीड़िता के साथ शारिरिक संबंध बनाने के साथ ही पांच लाख की डिमांड का सनसनीखेज आरोप पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने इस मामले में अपराह्न दो बजे तक रिपोर्ट मांगी। दो बजे सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में सरकार ने दी जानकारी दी है कि मुखानी के पूर्व थानाध्यक्ष दीपक बिष्ट को निलंबित कर दिया गया है। अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। एसएसपी पंकज भट्ट ने भी की निलंबन की पुष्टि की है।

मामला एक नेता के एक्स्ट्रा मैरिटलअफेयर से जुड़ा है। नेता पर एक महिला नेत्री ने दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। नेता ने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। आरोप है कि इस मामले में कार्रवाई नहीं होने पर पीड़िता ने मुखानी के थानाध्यक्ष दीपक बिष्ट से संपर्क किया।

बताया जाता है कि तत्कालीन एसओ दीपक बिष्ट ने नेता को गिरफ्तार करने की एवज में पांच लाख की डिमांड के साथ शारिरिक संबंध बनाने का ऑफर दिया। पीड़िता ने मोबाइल पर बातचीत रिकार्ड करने के साथ डीजीपी तक शिकायत कर दी। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो कोर्ट में इसकी जानकारी दी जिसके बाद कोर्ट ने पूरे मामले की प्रगति रिपोर्ट मांगी।


बुधवार को एकलपीठ में सुनवाई के दौरान मामले के विवेचनाधिकारी व रामनगर सीओ बीएस भाकुनी ने अदालत को बताया कि दीपक बिष्ट के विरुद्ध मंगलवार को मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। कोर्ट ने इस जवाब से असंतुष्ट होकर दो बजे तक पूरे रिकॉर्ड मांग लिए। अभियोजन पक्ष के के अनुसार 26 अप्रैल को हल्द्वानी की महिला ने एक नेता पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। जब उसने आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की तो एसएचओ ने उनको फोन कर बुलाया। कोर्ट ने नेता की अग्रिम जमानत पर सुनवाई के दौरान पीड़िता के अधिवक्ता ने घटना की जानकारी दी।