पूर्व CM हरीश रावत ने फोन पर दी थी बधाई, लेकिन क्या महेश शर्मा हुए गुटबाजी का शिकार?

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हल्द्वानी : कालाढूंगी विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने पूर्व सांसद महेंद्र पाल पर भरोसा जताया है जिससे दो बार निर्दलीय चुनाव लड़कर अपना दम दिखा चुके कांग्रेस प्रदेश महासचिव महेश शर्मा नाराज हो गए है। खबर है कि सोमवार को पूर्व सीएम हरीश रावत ने उनको फोन करके बधाई दी थी लेकिन कहा जा रहा है कि वो गुटबाजी का शिकार हुए हैं। दिल्ली में हुई मुख्य चुनाव समिति की बैठक में अचानक समीकरण बदलने पर पार्टी ने पूर्व सांसद महेंद्र पाल को टिकट दिया। कांग्रेस के इस फैसले से महेश शर्मा के समर्थकों में नाराजगी है।
बता दें कि पूर्व दर्जा राज्यमंत्री रहे महेश शर्मा को कालाढूंगी विधानसभा सीट पर कांग्रेस का जमीनी नेता माना जाता है। 2012 और 2017 में भी वह टिकट के प्रबल दावेदार थे लेकिन उनको पार्टी ने पीछे रखा और सुध नहीं ली. इसके बाद वो निर्दलीय चुनाव लड़े। महेश शर्मा दिवंगत नेता प्रतिपक्ष स्व. इंदिरा हृद्येश की कोशिश के चलते 2017 में फिर कांग्रेस में शामिल हुए।
खबर है कि तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने उनकी स्थिति को देखते हुए भविष्य में टिकट का आश्वासन भी दिया था। जिसके बाद से शर्मा ने क्षेत्र में और अधिकर लोगों के बीच जाकर काम किया. कालाढूंगी विधानसभा क्षेत्र में सरकार के खिलाफ हर आंदोलन की अगुवाई भी की। उन्हें विश्वास था कि पार्टी उन्हें इस बार टिकट जरुर देगी लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी।
खबर है कि हरीश रावत से लेकर प्रीतम खेमा भी उनकी दावेदारी को लेकर सहयोग की भूमिका में था। उसके बावजूद टिकट नहीं मिलना चौंकाता है। सूत्रों की माने तो प्रीतम सिंह खेमा पूरी तरह उनके समर्थन में आया, लेकिन हरदा गुट ने भविष्य की स्थिति का आंकलन कर जरूरत के अनुसार महेश शर्मा की पैरवी नहीं की। दो चुनाव में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी के विरोधी रहे महेश शर्मा अंत में क्या किसी बड़े नेताओं की गुटबाजी के शिकार हो गए?