राजकुमार के लिए जब धर्म की दीवार मुस्लिम युवती के सामने आई तो उसे गिराने के लिए अफसाना ने एक पल भी नहीं गवांया।हिजाब से निकल कर मुस्लिम दुल्हन के शब्द फिजां में गूंज गए क्या कहा पढ़ें पूरी खबर

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मजदूरी करने के दौरान शुरू हुई थी लव स्टोरी

पीलीभीत में रहने वाला राजकुमार व अफसाना बी मजदूरी करते है।राजकुमार ने बताया कि मजदूरी करने केे दौरान तीन साल पहले उसका संपर्क अफसाना बी से हुआ।जिसके बाद दोनों ने एक जगह लंबे समय तक काम किया।यहीं से उनकी लव स्टोरी शुरू हुई। दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित हुए और उनमें प्यार हो गया।लेकिन ये प्रेम परवान कैसे चढ़े।क्योंकि राजकुमार हिंदू और अफसाना बी मुस्लिम।दोनों के बीच धर्म की दीवार आड़े आ गई।

अफसाना ने लिया निर्णय, बोली- करूंगी विवाह

राजकुमार से प्रेम के बीच आने वाली धर्म की दीवार को गिराने का निर्णय अफसाना बी ने लिया। राजकुमार की मानें तो अफसाना बी ने बड़ा फैसला लेते हुए हिंदू बनने की बात कही। उसने राजकुमार से कहा कि वह हिंदू परंपरा से प्रभावित हैं।हिंदू बनकर ही साथ रहेगी।जिसके बाद दोनों ने विवाह का निर्णय लिया और योजना बनाई।जिसके बाद वह एक मित्र के जरिए फतेहगंज पश्चिमी स्थित आर्य समाज मंदिर पहुंचे।जहां दोनों ने बालिग होने का प्रमाण पत्र दिखाते हुए विवाह का प्रस्ताव रखा।जिसके बाद किला के अगस्त्य मुनि आश्रम के महंत पं. केके शंखधार ने दोनों का विवाह कराया।

तीन दिन पहले सुमित भी कर चुका सनातनी शादी

अफसाना से तीन दिन पहले क्रिश्चियन समाज से ताल्लुक रखने वाला सुमित भी नूर बी से सनातनी शादी कर चुका है।सुमित और नूर बी ने भी सनातन धर्म अपनाया है।जिसकी वजह धर्म की वो दीवार है जो आड़े आ जाती है।अगस्त्य मुनि के आश्रम में सुमित से शादी करने के बाद नूर बी निशा बन गई और अपने पति के साथ दूसरे शहर चली गई।जहां वह और उसका प्यार सुरक्षित रहे।
खबर सोशल मीडिया

राजकुमार के लिए जब धर्म की दीवार मुस्लिम युवती के सामने आई तो उसे गिराने के लिए अफसाना ने एक पल भी नहीं गवांया।हिजाब से निकल कर मुस्लिम दुल्हन के शब्द फिजां में गूंज गए।उसने कहा अफसाना नहीं अब अंजलि हूं मैं…।
यूपी के बरेली में राजकुमार के लिए हिजाब से निकल कर मुस्लिम दुल्हन के मुंह से निकले ये शब्द फिजां में गूंज गए। हिंदू रीति रिवाज से शादी की सारी रस्में निभाने के बाद बोली अब अफसाना नहीं अंजलि हूं मैं। मैनें विवाह कर लिया हैं।इस विवाह का गवाह बरेली का आर्य समाज मंदिर बना। जहां मुस्लिम युवती का प्रेम हिंदू धर्म से शादी करने के बाद परवान चढ़ गया। जिसके बाद वह अपने पति के साथ समाज के कुछ लोगों की नजराें से दूर अपनी अलग दुनिया बसाने के लिए दूसरे शहर चली गई।

मजदूरी करने के दौरान शुरू हुई थी लव स्टोरी

पीलीभीत में रहने वाला राजकुमार व अफसाना बी मजदूरी करते है।राजकुमार ने बताया कि मजदूरी करने केे दौरान तीन साल पहले उसका संपर्क अफसाना बी से हुआ।जिसके बाद दोनों ने एक जगह लंबे समय तक काम किया।यहीं से उनकी लव स्टोरी शुरू हुई। दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित हुए और उनमें प्यार हो गया।लेकिन ये प्रेम परवान कैसे चढ़े।क्योंकि राजकुमार हिंदू और अफसाना बी मुस्लिम।दोनों के बीच धर्म की दीवार आड़े आ गई।

अफसाना ने लिया निर्णय, बोली- करूंगी विवाह

राजकुमार से प्रेम के बीच आने वाली धर्म की दीवार को गिराने का निर्णय अफसाना बी ने लिया। राजकुमार की मानें तो अफसाना बी ने बड़ा फैसला लेते हुए हिंदू बनने की बात कही। उसने राजकुमार से कहा कि वह हिंदू परंपरा से प्रभावित हैं।हिंदू बनकर ही साथ रहेगी।जिसके बाद दोनों ने विवाह का निर्णय लिया और योजना बनाई।जिसके बाद वह एक मित्र के जरिए फतेहगंज पश्चिमी स्थित आर्य समाज मंदिर पहुंचे।जहां दोनों ने बालिग होने का प्रमाण पत्र दिखाते हुए विवाह का प्रस्ताव रखा।जिसके बाद किला के अगस्त्य मुनि आश्रम के महंत पं. केके शंखधार ने दोनों का विवाह कराया।

तीन दिन पहले सुमित भी कर चुका सनातनी शादी

अफसाना से तीन दिन पहले क्रिश्चियन समाज से ताल्लुक रखने वाला सुमित भी नूर बी से सनातनी शादी कर चुका है।सुमित और नूर बी ने भी सनातन धर्म अपनाया है।जिसकी वजह धर्म की वो दीवार है जो आड़े आ जाती है।अगस्त्य मुनि के आश्रम में सुमित से शादी करने के बाद नूर बी निशा बन गई और अपने पति के साथ दूसरे शहर चली गई।जहां वह और उसका प्यार सुरक्षित रहे।
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