धरतीपुत्र मंगल देव की कृपा दिलाता है मंगलवार का व्रत, जानें इसका महत्व और संपूर्ण विधि

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सनातन परंपरा में प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी-देवता या फिर ग्रहों के लिए समर्पित है. मंगलवार का दिन बल, बुद्धि, विद्या और अष्टसिद्धि के दाता श्री हनुमान जी और भूमिपुत्र मंगलदेव की साधना-आराधना से जुड़ा हुआ है. ऐसे में मंगलवार का व्रत विधि-विधान से रखने पर श्री हनुमान जी और मंगल देवता की कृपा से सुख, संपत्ति और आरोग्य की प्राप्ति होती है. जीवन से जुड़े सभी शत्रुओं का नाश होता है. मंगल देवता की कृपा से आपके ओज की वृद्धि होती है और बुद्धि-बल बढ़ता है. आइए मंगलवार के व्रत को रखने की विधि और महत्व जानते हैं.

कैसे रखें मंगल देवता का व्रत
मंगलदेव की शुभता पाने और उनसे जुड़े अनिष्ट फलों को दूर करने के लिए किसी भी मास के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से आप व्रत शुरू कर सकते हैं. मंगल देवता के व्रत अनुष्ठान में अंजनी पुत्र श्री हनुमान की पूजा का विशेष महत्व है. मंगलवार के दिन बगैर सिला हुआ लाल कपड़ा जैसे लाल रंग की धोती धारण करके श्री हनुमान जी की विशेष रूप से उपासना करें. धूप, दीप, नैवेद्य, नारियल आदि चढ़ाते हुए हनुमान चालीसा या श्री हनुमानाष्टक का पाठ करें. हनुमान जी की पूजा में लाल रंग के फल, लाल रंग के फूल, लाल रंग की मिठाई विशेष रूप से चढ़ाएं. व्रत वाले दिन मंगलवार व्रत की कथा पूरी श्रद्धा एवं भाव के साथ पढ़ें अथवा किसी के माध्यम से सुनें. 21 मंगल व्रत रखते हुए अंतिम मंगलवार को खैर की लकड़ी हवन करने का विधान है. कुछ जगह पर मंगलवार के 45 व्रत करने का विधान भी मिलता है. हालांकि यदि संभव हो जीवन में मंगल ही मंगल करने वाले इस पावन व्रत को आजीवन रखना चाहिए.

इस मंत्र से होगा सब मंगल ही मंगल
सनातन परंपरा में मंत्र जप का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसे में मंगलवार के दिन व्रत रखते हुए श्री हनुमान जी और मंगल देवता के मंत्र का विशेष रूप से जाप करें. ऐसे में मंगल व्रत वाले दिन ‘ॐ अं अंगारकाय नमः, ‘श्रीरामदूताय नमः’ अथवा ‘ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः’ मंत्र का कम से कम 108 बार अथवा 540 बार जप करने से मंगल ग्रह की पीड़ा, रक्त दोष आदि दूर होते हैं.

मंगलवार के व्रत से कटेंगे केतु के कष्ट
मंगलवार के व्रत से केतु ग्रह जनित दोषों का शमन भी होता है. ऐसे में मंगलवार के दिन केतु के बीज मंत्र ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः’ का 5 माला जप करना चाहिए. मंगलवार व्रत वाले दिन शाम के समय अथवा मध्य रात्रि में किसी सुपात्र को केतु से संबंधित पदार्थों का भी दान करना चाहिए.

मंगलवार को क्या खाएं और क्या न नहीं खाएं
मंगलवार के व्रत वाले दिन गेहूं और गुड़ से बना प्रसाद ग्रहण करें. मंगलवार व्रत वाले दिन गुड़ से बने हलुए का या लड्डुओं का दान करें और स्वयं भी प्रसाद स्वरूप खाएं. संभव हो तो गुड़ से बना हलवा या लपसी किसी बैल को भी खिलायें. मंगलवार के दिन भोजन में नमक का प्रयोग न करें.