काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालु ने किया पीएम मोदी की मां के वजन के बराबर सोना दान

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वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और भी ज्यादा खूबसूरत हो गया है। मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर भी अब सोना लगा दिया गया है। खास बात ये है कि मंदिर की दीवारों पर लगाया गया सोना एक श्रद्धालु ने दान किया है। पीएम मोदी से प्रभावित दक्षिण भारत के एक श्रद्धालु ने उनकी मां हीराबेन के वजन के बराबर सोना दान किया है। संयोग की बात ये है कि मंदिर की दीवारों को सोने से मढ़े जाने के बाद सबसे पहले पीएम मोदी ही बाबा विश्वनाथ के अभिषेक के लिए पहुंचे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंदिर की दीवारों को मढ़ने के लिए सोना दान करने वाले श्रद्धालु का नाम उजागर नहीं किया गया है. खबर के मुताबिक उसने नाम उजागर न करने की शर्त पर मंदिर प्रशासन के साथ मिलकर गर्भगृह में सोना मढ़वाया है। बताया जा रहा है कि मंदिर के गर्भगृह में 37 किलो सोना लगाने का काम पूरा हो चुका है। अब सिर्फ स्वर्ण शिखर से नीचे बचे हिस्सों और चौखट बदलवाने के लिए 24 किलो सोना लगाने की प्लानिंग है। महाशिवरात्रि के बाद ये काम शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।

दक्षिण भारत के भक्त ने दान दिया सोना
पीएम मोदी से प्रभावित दक्षिण भारत के एक भक्त ने तीन महीने पहले मंदिर का दौरा किया था। उसने मंदिर पहुंचकर ये जानकारी भी ली थी कि गर्भगृह की दीवारों पर कितना सोना लगेगा। उसने मंदिर प्रशासन से सोना दान करने की बात कही थी। हालांकि उनसे अपना नाम गुप्त रखने की भी अपील मंदिर प्रशासन से की थी। बताया जा रहा है कि सोना दान के लिए मंदिर प्रशासन की अनुमति मिलने के बाद दीवारों पर सोना लगाने के लिए माप और सांचा बनाने की तैयारी शुरू की गई थी।

सोने से चमक रही गर्भगृह की दीवारें
एक महीने की तैयारियों के बाद शुक्रवार को गर्भगृह की दीवारों पर सोना लगाने का काम शुरू किया गया. रविवार को भी सोना लगाने का काम जारी रहा। खबर के मुताबिक काशी विश्वनाथ धाम में मंदिर के बचे हुए हिस्से और गर्भगृह में सोना जड़ने की योजना बनाई जा रही थी। 1835 में पंजाब के तत्कालीन महाराज रणजीत सिंह ने बाबा विश्वनाथ मंदिर के दो शिखरों को सोने से मढ़वाया था। खबर के मुताबिक उस समय करीब साढ़े 22 मन सोना लगा था। उसके बाद कई बार सोना लगाने की योजना बनाई गई लेकिन काम बीच में ही अटक गया।

ट्रक से मंदिर पहुंचाई गई सोने की प्लेटें
मंदिर प्रशासन के मुताबिक करीब 30 घंटे तक काम करने के बाद रविवार दोपहर 1 बजे तक गर्भगृह की पूरी दीवारों पर सोने की परत चढ़ा दी गई थी। इस काम के लिए 10 सदस्यीय कारीगरों की टीम तैयार की गई थी। बताया जा रहा है कि द्वैलरी बनाने वाली दिल्ली की एक संस्था ने सुरक्षा घेरे के बीच सोने की प्लेटों को ट्रक से मंदिर पहुंचाया।