(साइबर ठग )बेटा मैं तुम्हारा अंकल बोल रहा हूं, लिंक भेजा लिंक खोलते ही अंकल और आंटी याद आ गए पढ़ें पूरी खबर

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ऑनलाइन के मौजूदा दौर में साइबर ठग आए दिन लोगों को निशाना बना रहे हैं। दरअसल,थानों में साइबर हेल्प डेस्क तो बना दी गई, लेकिन जागरूकता कार्यक्रम कागजों तक ही सीमित होने से लोग आसानी से साइबर ठगों के जाल में फंसते जा रहे हैं। मेरठ में पिछले कुछ दिनों में सामने आए मामलों में साइबर ठगों ने अलग-अलग तरीका अपनाया है।

साइबर ठगी का शिकार शहर के थाना मेडिकल क्षेत्र के शेरगढ़ी निवासी विकास हुआ । पुलिस को दी अपनी शिकायत में विकास ने बताया कि कल सुबह करीब 10 बजे अनजान नंबर से उसके मोबाइल पर कॉल आई। फोन करने वाले ने कहा, बेटा मैं तुम्हारा अंकल बोल रहा हूं। विकास का कहना है कि जब उसने फोन करने वाले को कहा कि मैं आपको नहीं जानता हूं। तो फोन करने वाले ने पहले तो उससे इधर उधर की बातें की फिर कहा, मैं शहर से बाहर हूं। एक व्यक्ति को रुपए देने थे। रकम ऑनलाइन ट्रांसफर नहीं हो पा रही है, इसलिए तुम्हारे खाते में रुपए भेज रहा हूं, उसे निकाल कर दे देना। ठग ने पहले 10 रुपए भेजे, जो विकास के खाते में आ गए।

विकास के अनुसार पैसे खाते में आने की मेरे द्वारा पुष्टि करने के बाद फोन करने वाले ने दूसरा लिंक भेजा, जिस पर क्लिक करने के बाद मेरे खाते से झट से सात हजार रुपए कट गए। बकौल विकास-खाते से रकम कटने का मैसेज आने पर मैने फोन करने वाले के नंबर पर फोन किया तो किसी ने नहीं उठाया। जिसके बाद विकास को ठगी का अहसास हुआ। बहरहाल,विकास की तहरीर पर मेडिकल पुलिस ने  मामले को साइबर सेल को जांच के लिए सौंप दिया है।

एसएसपी ने बताया साइबर ठगों से बचने का सबसे जरुरी तरीका 

एसएसपी रोहित सिंह सजवाण के अनुसार साइबर ठगों से बचने का सबसे जरुरी तरीका जागरुकता के साथ ही सावधानी है। लुभावने और धन दोगुना करने वालों के झांसे में न आएं। लालच में फंसे तो साइबर ठग आपका खाता खाली कर देंगे। अपनी कमाई को सुरक्षित रखने के लिए सतर्कता बरतनी होगी। व्यक्तिगत और बैंक संबंधी जानकारी से किसी भी साझा न करें। व्हाट्सएप और संदेश में आने वाले लिंक न खोले। आपकी सतर्कता ही बचाव है।

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