मोदी के गुजरात दौरे से पहले वडोदरा में हिंसा,मंदिर को बनाया निशाना
स्थानीय लोगों ने कहा- तलवार लहराती मुस्लिम भीड़ ने किया पथराव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार 18-20 अप्रैल तक गुजरात का दौरा करेंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक और मॉरीशस के प्रधानमंत्री भी इस दौरान आयोजित कार्यक्रमों में उनके साथ शरीक होंगे। उससे पहले राज्य के वडोदरा से पथराव की घटना सामने आई है। यहाँ पुराने शहर में रविवार (17 अप्रैल 2022) रात रावपुरा रोड पर दो मोटरसाइकिल के आपस में टकराने से बहस शुरू हुई। स्थानीय लोगों के अनुसार इसके बाद तलवार लहराती मुस्लिम भीड़ ने पथराव किया, जिससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया।
रिपोर्टों के अनुसार दुर्घटना के बाद वाहन मालिकों के बीच बहस हो गई और जल्द ही दोनों समुदायों के सदस्य इसमें शामिल हो गए। दोनों समुदायों में मारपीट होने लगी। लगभग 300-400 लोगों की भीड़ सड़कों पर आ गई और बताया जाता है कि उन्होंने गाड़ी ड्राइव करने वाले की पिटाई की। इसके बाद भीड़ ने पास के मंदिर में साईं बाबा की मूर्ति को भी तोड़ दिया। मूर्ति तोड़े जाने पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। इसके बाद लोगों को शांत करने के लिए साईं बाबा की मूर्ति को फिर से स्थापित किया गया।
इस घटना में 4 लोग घायल हो गए और लगभग 10 दुकानें तहस-नहस हो गईं। घायलों को इलाज के लिए सयाजी अस्पताल ले जाया गया। आनन-फानन में पहुँची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया। रिपोर्ट के अनुसार स्टेट रिजर्व फोर्स की दो कंपनियों को भी तैनात किया गया है। इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें भीड़ को पथराव और हिंसा करते हुए देखा जा सकता है। घटना के बाद से पुलिस ने दंगा करने के आरोप में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया है।
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि जिस तरह से अचानक भीड़ सामने आ गई, यह इस तरफ इशारा करती है कि हिंसा पूर्व नियोजित साजिश थी। पथराव की घटना से स्थानीय निवासी आक्रोशित हैं। कुछ लोगों का कहना है कि पथराव करने वाले लोग स्थानीय लोग नहीं थे, हो सकता है कि वे अन्य जगहों से आए हों। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि यह एक पूर्व नियोजित साजिश हो।
रामनवमी पर खंभात में हिंसा
गौरतलब है कि 10 अप्रैल 2022 को जब लोग रामनवमी मना रहे थे उस दौरान गुजरात में भी जुलूसों पर पथराव किया गया। मुस्लिम भीड़ ने घरों की छतों के साथ-साथ मस्जिदों से भी हमला किया। वडोदरा के पास आनंद जिले के खंभात में भी हिंसा हुई थी। शुरुआती पुलिस जाँच में एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है जिसमें कम से कम 3 मौलाना कथित रूप से शामिल थे। हिंसा को अंजाम देने के लिए जिले के बाहर से लोगों को बुलाया गया था। ऐसी खबरें हैं कि उन्हें आश्वासन दियागया था कि उन्हें कुछ नहीं होगा और अगर उनके साथ कुछ होता है तो उन्हें आ कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी। रिपोर्टों के अनुसार, मौलवी इस्लाम का प्रभुत्व स्थापित करना चाहते थे ताकि भविष्य में ऐसी कोई शोभा यात्रा न हो।
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