राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सरगर्मी तेज, उम्मीदवारों के नाम पर भी सुगबुगाहट शुरू

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नई दिल्ली: देश में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए धीरे-धीरे सरगर्मियां तेज होने लगी है। राष्ट्रपति का चुनाव इस साल जुलाई में होना है, जबकि अगस्त में उपराष्ट्रपति का चुनाव होना है। जानकारी के मुताबिक जून महीने के मध्य में राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी होने की संभावना है।

लिहाजा उम्मीदवारों के नाम को लेकर भी सुगबुगाहट शुरू हो गई है कि आखिर कौन होगा भारत का नया राष्ट्रपति। कई नामों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है लेकिन इतना तय है कि राष्ट्रपति वही बनेगा जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन का उम्मीदवार होगा।

मौजूदा राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद भी एनडीए उम्मीदवार के रूप में ही राष्ट्रपति चुनाव जीते थे। उन्होंने संयुक्त विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को हराया था। वर्तमान की राजनीतिक परिस्थिति को देखें तो पांच राज्यों के हालिया विधानसभा चुनाव में चार में एनडीए को विजय मिली थी जिसके बाद अब देश के 18 राज्यों में बीजेपी या एनडीए की सरकार है।

इसके अलावा लोकसभा में एनडीए के पास बहुमत और राज्यसभा में भी सदस्यों का विशाल आंकड़ा है, ऐसे में माना जा रहा है कि एनडीए के लिए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करना बेहद आसान होगा है।

सूत्रों के हवाले से मिल रही खबरों के मुताबिक राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए आम सहमति बनाने के लिए पीएम मोदी और अमित शाह और जेपी नड्डा ने कमान संभाल ली है। संपर्क, संवाद व समन्वय का मोर्चा रक्षा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्नाद जोशी संभालेंगे।

इसके अलावा विभिन्न राज्यों में कमान बीजेपी और एनडीए के मुख्यमंत्रियों के पास रहेगी। फिलहाल एनडीए के अलग-अलग दलों के नेताओं के साथ अनौपचारिक बातचीत शुरू हो गई है।

माना जा रहा है कि एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया जा सकता है। इतिहास उठाकर देखें तो देश में अधिकतर राष्ट्रपति पहले उपराष्ट्रपति पद पर रह चुके हैं। ऐसे में मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने की संभावनाएं प्रबल हैं। राष्ट्रपति चुनावों के हाल के इतिहास में, केवल एपीजे अब्दुल कलाम ऐसे राष्ट्रपति रहे, जिनके नाम पर सत्ता पक्ष और विपक्ष एकमत दिखे।

अगर वेंकैया राष्ट्रपति उम्मीदवार बनते हैं तो दक्षिण के विपक्ष शासित राज्य भी उनका समर्थन कर सकते हैं। आंध्र प्रदेश में वाईएस जगन मोहन रेड्डी के बारे में तो माना भी जा रहा है कि वह एनडीए उम्मीदवार का ही समर्थन करेंगे। तेलंगाना में केसीआर और तमिलनाडु में एमके स्टालिन भी वेंकैया नायडू की उम्मीदवारी की स्थिति में उनका समर्थन कर सकते हैं।

सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक बीजेपी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए पहले सर्वसहमति बनाने की कोशिश करेगी। मगर, विपक्ष के साथ मौजूदा रिश्तों को देखते हुए इसकी संभावना बहुत ही कम है। ऐसे में बीजेपी अपनी चुनावी जीत को बड़ा करने के लिए विपक्षी खेमे में सेंध भी लगा सकती है।

बीजेडी और वाईएसआरसीपी जैसे गैर-संप्रग दलों का बीजेपी को साथ मिल ही सकता है। यह काम संसद से लेकर राज्य विधानसभाओं तक में होगा। वैसे भी कई मसलो पर उसे संसद में बीजेडी औरवाईएसआरसीपी का सहयोग मिलता रहा है।