आयोग को गठन से अब तक मिले 19 हजार प्रस्ताव, दस हजार पर चयन पूरा

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अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को गठन से लेकर अब तक 19 हजार पदों के लिए प्रस्ताव मिले, जिनमें से दस हजार पदों की परीक्षाएं पूरी कराई जा चुकी हैं। चार हजार पदों की परीक्षाएं पाइपलाइन में हैं। आयोग के अध्यक्ष रहे एस राजू ने बताया कि अपनी स्थापना से लेकर अब तक आयोग लगातार पारदर्शिता को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है।

अपने कार्यकाल में उन्होंने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि 19 हजार 390 पदों पर भर्तियों के प्रस्ताव अब तक आए हैं। इनमें से 10 हजार 45 पदों पर चयन पूरा किया गया। 3245 पदों की लिखित परीक्षा कराने के बाद चयन की प्रक्रिया चल रही है।

4650 पदों पर सात लिखित परीक्षाएं होनी बाकी हैं। 1450 पदों पर भर्तियों के नोटिफिकेशन जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब तक दायर हुई 440 याचिकाओं में से केवल सहायक अध्यापक भर्ती की चार विषयों की परीक्षा को छोड़कर कोई याचिका हाईकोर्ट में लंबित नहीं है। ऑनलाइन परीक्षा का काम पारदर्शी टेंडर प्रक्रिया से कंपनी को दिया गया जो कि कहीं भी ब्लैकलिस्ट नहीं थी।

यह उठाए गए महत्वपूर्ण कदम
त्रिस्तरीय ओएमआर शीट प्रक्रिया अपनाई गई। परीक्षा के बाद ओएमआर की एक कॉपी उम्मीदवार को, एक कॉपी मूल्यांकन को और एक कॉपी कोषागार में रखी जाती है।
उम्मीदवारों का पूरा विवरण, चयन सूची आदि की पूरी जानकारी वेबसाइट पर प्रकाशित करना।
लिखित परीक्षाओं में बायोमीट्रिक हाजिरी और फिर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान इसका भी वेरिफिकेशन।
महत्वपूूर्ण व संवेदनशील लिखित परीक्षाओं में केंद्र पर जैमर्स का प्रयोग करना।
शारीरिक दक्षता परीक्षा में डिजिटल मशीन व रेडियो कॉलर तकनीकी का इस्तेमाल।
उम्मीदवारों के लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन(ओटीआर) व्यवस्था। एक बार पंजीकरण के बाद सभी भर्तियों के लिए इसी से आवेदन।
आवेदन भरने को कॉमन सर्विस सेंटर की सुविधा।
कंप्यूटर आधारित(सीबीटी) परीक्षा प्रणाली लाई गई, जिसमें अब तक सात परीक्षाएं हुईं।
पर्वतीय क्षेत्रों में सीबीटी एग्जाम के लिए टेबलेट से परीक्षाएं कराई गईं।
उम्मीदवारों की भर्तियों से जुड़ी हर जानकारी के लिए वेबसाइट पर संवाद पृष्ठ शुरू किया गया।
नेताओं ने दबाव बनाए लेकिन सिस्टम ऐसा कि कुछ कर नहीं सकते
बातचीत के दौरान एस राजू ने कहा कि अलग-अलग भर्तियों में कई नेताओं-मंत्रियों ने दबाव बनाए, लेकिन उन्होंने परीक्षा का ऐसा सिस्टम बनाया हुआ है, जिसमें कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि आयोग की कार्यप्रणाली कैसी है, यह नौकरी कर रहे युवा ही बेहतर बता सकते हैं।