15 हजार किलो सोने से बना है भारत के दक्षिण में स्थित महालक्ष्मी जी का ‘स्वर्णमंदिर’

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भारत में जब भी ‘स्वर्णमंदिर’ की बात चलती है तो दिमाग में अमृतसर में स्थित गोल्डन टेम्पल का ही ख्याल आता है. लेकिन हिंदुस्तान में एक और मंदिर स्थित है जिसे स्वर्णमंदिर बोला जाता है. यह मंदिर दक्षिण हिंदुस्तान में स्थित है जो करीब 15 हजार किलो सोने से निर्मित है. मंदिर तमिलनाडु के मलाईकोड़ी के पहाड़ों पर बना हुआ है. इस मंदिर को महालक्ष्मी मंदिर के नाम से जाना जाता है. मंदिर के आतंरिक और बाहरी सजावट सोने अधिक मात्रा में सोने से की गई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जितना सोने का उपयोग महालक्ष्मी मंदिर में किया गया है अभी तक दूसरा ऐसा कोई मंदिर नहीं है. बताया जा रहा है कि इस मंदिर के निर्माण में 300 करोड़ रूपये से अधिक रकम की लागत आई है. यह मंदिर माता लक्ष्मी को समर्पित है.

मंदिर के बारे में
तमिलनाडू के वेल्लोर नगर में बना यह मंदिर करीब 100 एकड़ में फैला हुआ है. इस मंदिर का उद्घाटन अगस्त 2007 में हुआ था. आसपास का नजारा बेहतरीन होता है. रात में लाइटों से मंदिर जमगमा उठती है. क्योंकि लाइटों से सोने की चमक का नजारा देखने लायक होता है. यह मंदिर सुबह 4 से 8 बजे तक अभिषेक के लिए और सुबह 8 से रात के 8 बजे तक दर्शन के लिए खोला जाता है. मंदिर की डिजाइन बहुत ही आकर्षित है. मंदिर के बाहरी क्षेत्र को सितारे का आकार दिया गया है जो बहुत ही आकर्षित करता है.

जैसा कि पूरे विश्व भर में यह इकलौता ऐसा मंदिर है जहां अधिक मात्रा में सोने का उपयोग किया गया है. इसके बाद अमृतसर के गोल्डन टेम्पल में 750 किलो की सोने की छतरी लगी हुई है. यहां मां लक्ष्मी की दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है. इस मंदिर में सभी कलाकृति हाथों द्वारा गढ़ी गई है.

मंदिर में ऐसे पहुंचे
इस मंदिर के सबसे पास काटपाडी रेलवे स्टेशन है. इस स्टेशन से 7 किलोमीटर की दूरी पर ही ये मंदिर स्थित है। इसके अतिरिक्त यहां पहुंचने के लिए तमिल नाडु से कई और मार्ग भी हैं. यहां सड़क और वायु मार्ग से भी पहुंचा जा सकता है.

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